लालकुंआ/उत्तराखंड – निकटवर्ती क्षेत्र अंबेडकरनगर वार्ड नंबर एक निवासी मुकेश कुमार ने खुद पर दलित उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग को शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है मुकेश कुमार ने बताया कि वह दलित नागरिक हैं और दलित समुदाय के लोगों की समस्याओं को भी समय-समय पर उठाते रहते हैं और वह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं उन्होंने कहा कि कुछ समय पूर्व एक ग्रुप में उन्होंने सामान्य टिप्पणी की थी जिससे कुछ लोगों को आहत पहुंची उन्होंने जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए और सामाजिक सौहार्द बरकरार रखने के लिए स्वयं सोशल मीडिया पर लिखित रूप में माफी मांग ली थी बावजूद इसके कुछ लोगों द्वारा मामले को तूल दिया गया और मानव सेवा समिति के माध्यम से मुस्लिम समाज के लोग एकत्र हुए क्योंकि उस ग्रुप में मुस्लिम भावनाओं को आहत करने वाली भी एक पोस्ट किसी व्यक्ति द्वारा की गई थी हालांकि पुलिस ने उक्त युवक के खिलाफ कार्रवाई कर मामला समाप्त कर दिया था ताकि आपसी भाईचारा बरकरार रहे। मगर उस मामले को कुछ लोगों ने हटाकर मुझे टारगेट कर दिया गया और सभी अखबारों में भी खबर एकतरफा छाप दी गई जब मामला काफी बढ़ गया तो कोतवाली पुलिस ने मुझे बुलाया गया और कोतवाल महोदय ने मुझे फटकार भी लगाई और कहा कि तत्काल लिखित रूप में माफी मांगो और सोशल मीडिया पर पोस्ट करो महोदय मैंने जन भावनाओं को फिर से ध्यान में रखते हुए एक बार पुनः माफी मांग ली और मामला खत्म हो गया मगर उसके बाद भी कुछ लोग मुझे और मेरे मित्रों के माध्यम से फोन करके परेशान करने लगे कि एक बार और माफी मांग, मगर मैं बार-बार माफी मांग चुका हूं उसके बावजूद भी मुझे मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है ऐसे में अब मुझे यह भी प्रतीत हुआ कि मैं एक दलित व्यक्ति हूं और दलितों की समस्याओं को उठाता रहता हूं इसी वजह से यह लोग मुझे दबाने की कोशिश कर रहे हैं। पूरे घटनाक्रम को देखते हुए मैंने उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग को शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है यदि आवश्यक कार्यवाही नहीं की गई और मुझे नया नहीं मिला तो उसके लिए मैं अपने परिवार के साथ कोई भी कदम उठाने को मजबूर हो जाऊंगा। मुझे इन लोगों से जान माल का खतरा भी बना हुआ है यह लोग खुद या फिर अन्य किसी के माध्यम से कोई अनहोनी पहुंचा सकते हैं इसके लिए भी वह लोग जिम्मेदार होंगे जो बार-बार मुझे मानसिक रूप से परेशान करने में लगे हुए हैं।
– जफर अंसारी