सेवानिवृति के अवसर पर मधुबन अकादमी में सम्मान परेड से ली सलामी

*खुशी से किए जाने वाले कार्यो का परिणाम होता है बेहतर : डा. बी के सिन्हा

चंडीगढ़ -खुशी के साथ जो कार्य किया जाए उसका परिणाम हमेशा अच्छा होता है इसलिए सदैव खुशी-खुशी जीवन में कार्य करते रहें। यह उद्गार डा. बीके सिन्हा, डीजीपी, महाआदेशक होमगार्ड व निदेशक नागरिक सुरक्षा हरियाणा ने आज हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में व्यक्त किए। उन्होंने उनके सम्मान में आयोजित विदाई सम्मान परेड समारोह के अवसर पर सम्मान परेड की सलामी भी ली। अकादमी के निदेशक एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने डा. बीके सिन्हा को उनकी शानदार उपलब्धियों और अनुकरणीय सेवाकाल के लिए बधाई दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए स्मृति चिन्ह भेंट किया। विदाई सम्मान परेड की कमान अकादमी के डीएसपी सुन्दर सिंह ने की।
मुख्य अतिथि डा. सिन्हा ने विदाई समारोह पर अपने संबोधन में कहा कि जीवन में विकट परिस्थितियां आती हैं। अपने सेवा काल के अनुभवों को साझा करते हुए डा. सिन्हा ने कहा कि समस्याओं को आगे बढक़र सुलझाने का प्रयास करने से समस्याएं आपके प्रयास के सामने छोटी हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि बदलते हुए समय के साथ पुलिसिंग के क्षेत्र में पेशेवर बदलाव के लिए अपने तैयारी रखें। वर्तमान में डिजिटेलाइजेशन का समय है, अपराधों का बदलता स्वरूप पुलिससिंग के लिए चुनौती है। इस चुनौती को इस क्षेत्र में प्रशिक्षण और कौशल को प्राप्त करते हुए पार किया जा सकता है।
उन्होंने अपने संदेश में कहा कि जीवन में पढ़ाई के साथ खेलों से हमेशा जुड़े रहें। खेल शरीर और मन को स्वस्थ रखने में मदद करता है। खेल हमें सही नेतृत्व करना, मित्रता, सहयोग, अंतिम समय तक हार न मानने, विरोधी होने पर भी उनसे अच्छा व्यवहार करना और मतभेद को मनभेद न बनने देने का हुनर सिखाता है। उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को जनता से व्यवहार का सूत्र देते हुए उन्होने कहा कि जब भी कोई नागरिक सहायता के लिए आपके पास आये तो अपने आपको उसकी जगह रख कर सोचना और वैसा ही व्यवहार करना जिसकी उम्मीद आप उस स्थिति में करते। आपका अच्छा व्यवहार और कानूनी मदद पीडि़त के लिए रामबाण का कार्य करती है। उसका पुलिस में विश्वास बढ़ाती है। उन्होंने परेड में शामिल महिला पुलिस व जवानों के उत्साह की प्रशंसा की और अकादमी के निदेशक व स्टाफ को अच्छे प्रशिक्षण के लिए बधाई दी।
इससे पूर्व अकादमी व करनाल रेज के पुलिस महानिरीक्षक योगिंद्र सिंह नेहरा ने डीजीपी के सिन्हा सहित उपस्थितजनों का स्वागत करते हुए डा. बीके सिन्हा के जीवन और उपलब्धियों से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि 29 सितम्बर 1959 को जन्मे डा. सिन्हा 1986 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए। अपने सेवा काल में उन्होंने पुलिस अधीक्षक के रूप में 3 बार जिला जींद, 2 बार तत्कालीन जिला गुडग़ांव सहित भिवानी, रोहतक जिले का कुशल नेतृत्व किया। पुलिस प्रशिक्षण मेंं भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डा. सिन्हा ने खेल निदेशक के रूप में कार्य करते हुए खेल सुविधाओं को उन्नत करने में योगदान दिया। डा. सिन्हा की सेवाएं राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय खेल आयोजन में सुरक्षा विशेषज्ञ के तौर पर ली जाती हैं।
उन्होंने कहा कि डा. सिन्हा की लगन और समाज सेवा के प्रति गहरी निष्ठा है इसी का परिणाम है कि उन्हें वर्ष 2015 में सराहनीय सेवाओं के लिए तथा वर्ष 2019 में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, 2007 में मगध विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय सम्मान जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से भी नवाजा गया है।
अकादमी के उप पुलिस अधीक्षक शीतल सिंह धारीवाल ने इस अवसर पर धन्यवाद अभिभाषण प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर डा. बीके सिन्हा के परिवारजन, मित्रगण, गणमान्य व्यक्ति, पूर्व पुलिस अधिकारी सुखेदव सिंह, आइआरबी के पुलिस महानिरीक्षक हनीफ कुरैशी, हरियाणा सशस्त्र पुलिस के महानिरीक्षक वाई पूर्ण कुमार, उप महानिरीक्षक कुलविंद्र सिंह, आरटीसी भौंडसी के पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश नरवाल, हरियाणा सशस्त्र पुलिस के आदेशक सुरेंद्रपाल ङ्क्षसह, करनाल के पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र भौरिया व अन्य पुलिस अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

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