बरेली। जिले के 70 केंद्रों पर 31 जनवरी को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) होने जा रही है। जिले में लगभग 29000 परीक्षार्थियों को केंद्र आवंटित हुए है। जिसमें कई केंद्रों से बने हैं जिनकी सही लोकेशन पता करने में अब भर्तियों के पसीने छूटे जा रहे है। इन केंद्रों तक आवागमन के साधन भी नही है। 31 जनवरी को दो पालियों में सीटीईटी की परीक्षा होनी है। अधिक परीक्षार्थी होने के कारण इस बार केंद्र भी ज्यादा बनाए गए है। केंद्रों की सूची मे मास्टर बांके खान गर्ल्स इंटर कॉलेज, नेशनल पब्लिक स्कूल, सिटी पब्लिक स्कूल, शांति मौर्या हाई स्कूल, जीनियस इंटरनेशनल जैसे स्कूल भी शामिल हैं। इन स्कूलों में जिन अभ्यर्थियों के केंद्र बने हैं उनके लिए इनका पता खोजना मुश्किल पड़ रहा है। सूची में नवाबगंज, आंवला, शेरगढ़, बहेड़ी आदि के स्कूल भी शामिल है। जिला मुख्यालयों से इन स्कूलों की दूरी 60-70 किलोमीटर है। कुछ केंद्र ऐसे हैं जिन तक सीधे सार्वजनिक वाहन भी नहीं जाते हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों को निजी वाहन से ही वहां जाना होगा। इससे उनके ऊपर अतिरिक्त खर्च भी पड़ेगा। शहर में बरेली कॉलेज और रुहेलखंड विश्वविद्यालय बड़े कैम्पस हैं। यहां एक साथ चार-पांच केंद्र के बराबर परीक्षार्थी परीक्षा दे सकते है। एनडीए एंट्रेंस में अक्सर इनका प्रयोग किया जाता है। सीटीईटी में भी यदि यहां केंद्र बनते तो आवेदकों को लंबी दूरी तय नहीं करना होती। यूथ पावर के अध्यक्ष गौरव सक्सेना ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री को पत्र भेजा है। गौरव ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं के केंद्र मुख्यालय अथवा उसके आसपास के स्तरीय विद्यालयों में ही बनाए जाए। इससे अभ्यार्थियों को आने-जाने में सुगमता रहेगी। अधिकांश परीक्षाओं में बाहरी जिलों के परीक्षार्थी भी आते है। उनके लिए दूरदराज जाना और भी कठिन है।।
बरेली से कपिल यादव