आगरा- सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने अपने ‘मेरी आवाज सुनो अभियान के तहत हैल्थ कैंप कार्यक्रम की शुरुआत की। सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा अपनी जनसरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता के तहत स्वास्थ्य कैंपों का आयोजन शुरू कर रही है। सोसायटी ने सोशल मीडिया पर आगरा की जनता की आवाज को मुखर करने के लिये एक गैर राजनीतिक अभियान ‘ मेरी आवाज सुनो ‘ शुरू किया हुआ है। इसके माध्यम से सरकार,नगर निगम के समस्त जनता के द्वारा की जाने वाली अपेक्षाओं को मुखरित किया जा रहा है। साथ ही जनप्रतिनिधियों को इन आधारभूत मसलों को सुलझाने और समझने का अहसास करवाये जाने की कोशिश है।प्रसन्नता की बात है कि जनप्रतिनिधि भले ही इस पर अपनी खुली प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर रहे किन्तु जनता के मिजाज और जरूरतों का आंकलन जरूर कर रहे हैं। उनमें से कई को अपनी निष्क्रियता का अहसास भी हुआ है।
आम जनता में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद ‘ स्वास्थ्य एवं बीमारियों’ के उपचार को लेकर ज्यादा गंभीरता बढी है।सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर तो कुछ भी नहीं कहना,किन्तु निजी क्षेत्र के अस्पताल, क्लीनिकों,में उपचार करवाना अब बहुत ज्यादा महंगा हो गया है। दाम चुकाने की क्षमता वाले या फिर चिकित्सकों की उदारता से ही अब इन प्रतिष्ठानों में उपचार संभव है। बेशक इसे लेकर उनकी अपनी जायज मजबूरियां भी है। फिलहाल आम जनता स्तरीय उपचार सेवाओं से दूर है। इसी को पूरा करने में सीमित योगदान के रूप में स्वास्थ्य कैम्पों के आयोजन की यह श्रंखला शुरू की गयी है।
इन कैंपों के फीडबैक के माध्यम से प्रशासन को नागरिकों की जरूरत के बारे में भी अधिक सटीक जानकारियां मिलेंगी। जिनका उपयोग वह अपनी सेवाओं में सुधार या बदलाव में कर सकते हैं।
इस कैंप में जनपद के सी एम ओ सहित स्वास्थ्य प्रशासन के स्टाफ को भी आमंत्रित किया था। हम उनसे हमेशा नागरिक प्रयासों में सहयोग की अपेक्षा करते हैं। प्रशासन को भी औपचारिक रूप से कैंप आयोजन की जानकारी दे दी गयी थी।
स्वर्णिम इतिहास
मौजूदा हालात जो भी हों किन्तु आगरा का जन स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में स्वर्ध्यिम इतिहास रहा है। एस एन अस्पताल का महत्व एक समय आज के एम्स जैसा ही था। विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं , आम मरीज को उसके जरूरत की दवाओं की उपलब्धता इसके मुख्य कारण थे। अब हालात बदल गये है, इसका एक कारण जीवन में बढी व्यस्तता तथा समय से उपचार करवाने न पहुंचना बडे कारण हैं। इलाज का महंगा होना एक अन्य कारन है।
एक दम किसी बड़े बदलाव की आशा करना बेमानी होगी किंतु इतना जरूर है कि ये कैंप उन तमाम मरीजों के लिये जागरूकता का माध्यम होंगे जो कि अपनी बीमारियों के प्रति लापरवाह थे।
सबको बनायेगे कैंप का लाभार्थी
सिविल सोसायटी की ओर से यह पहल फिलहाल समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिये ही शुरू की गयी है हालांकि अगर अन्य कोई भी हैल्थ कैंप में आता है ,उसे लौटाया नहीं जायेगा।
श्री अनिल शर्मा ने कहा कि अब तक जो सकारात्मक रूख प्रयास को लेकर रहा है,इसको लेकर सोसायटी उत्साहित है। आने वाले समय में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता को भी अपने अभियान में शामिल करेंगे। महिलाओं में होने वाली यह बीमारी अत्यंत घातक है, समय से जानकारी न हो पाने और उपचार शुरू न करवा पाने पर यह जीवन संकट का कारण साबित हो सकती है।
सोसायटी के द्वारा आगरा महानगर के विभिन्न भागों में हेल्थ कैंप लगवाये जायेंगे ,डॉक्टरों के द्वारा इस अभियान में सहयोग में दिलचस्पी प्रदर्शित की गयी है। कई चिकित्सकों (सर्जन)ने तो आर्थिक रूप से कमजोर जरूरतमंदों के ऑपरेशन भी निशुल्क करने की इच्छा जताई है।सोसायटी प्रयासों में सहयोगी और उत्साहवर्धन करने वालों का आभार जताती है।
आई डी एच अस्पताल
सोसायटी के अध्यक्ष डा.शिरोमणी सिंह ने कहा कि एक समय नगर निगम नगर वासियों की बीमारियों के इलाज का सशक्त माध्यम था। इसके कई अस्पताल और डिस्पेंसरियां थी। दुर्भाग्य से राज्य में स्व. एन डी तिवारी की सरकार के बाद के शासन में रही गैर कांग्रेसी सरकारों के कार्यकालों में ये बन्द की जाती रही। उन्होंने कहा कि महानगर की इस अहम जरूरत को महत्व देकर पुराने बंद अस्पताल तो खोले ही जायें साथ ही ‘मोहल्ला क्लीनिक’ प्रयोग आगरा में भी शुरू किया जाये।
सोसायटी के जनरल सेक्रेटरी श्री अनिल शर्मा ने कहा कि नागरिकों का स्वास्थ्य किसी भी व्यवस्था और सरकार के लिये सबसे महत्वपूर्ण होता है। संक्रामक रोगों को लेकर बनी मौजूदा स्थितियों को दृष्टिगत महानगर का दशकों से बंद पड़ा आई डी एच अस्पताल और शाहगंज डिस्पेंसरी को पुनः: शुरू करवाया जाये।
मेडिकल कैंप में डॉ.अंशुमन रॉय- नाक, कान और गला विशेषज्ञ, डॉ शुभांजलि सेन गायनोकोलोगिस्ट, डॉ शिवांग शर्मा. फिजिशियन, डॉ. कौस्तुभ साने नेत्र चिकित्षक, डॉ प्रदीप सिंह दन्त रोग विशेषज्ञ ने अपनी सेवाएं दीं. साथ में भार्गव ऑप्टिकलस चश्मा बनवाने और नंबर टेस्ट के लिए और रिलाएबल डायग्नोस्टिक सेंटर खून की जांच के लिए सहयोग किया. यह कैंप हरियाली वाटिका में लगाया गया. कैम्प में २०० लोगों से ज्यादा ने विभिन्न डॉक्टर्स को दिखाया। सब से ज्यादा नेत्र और नाक, कान और गले के विशेषज्ञ को विजीटर्स ने दिखाया।
योगेश पाठक आगरा