‘साहित्य सृजन संवर्धन’ सम्मान से पीएन सिंह हुए सम्मानित

गाज़ीपुर- राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर के हिंदी साहित्य परिषद द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर गाजीपुर के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं चिंतक डॉक्टर पी एन सिंह को ‘हिंदी साहित्य सृजन संवर्धन’ सम्मान से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से पधारे प्रोफेसर सदानंद शाही जी थे। प्रोफेसर सदानंद शाही ने कहा कि डॉक्टर पी एन सिंह पारस पत्थर हैं इन्होंने जिसे छू दिया वह सोना हो गया। हिंदी आलोचना का जब आधुनिक इतिहास लिखा जाएगा तब उसमें पी एन सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जाएगा। गाजीपुर के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉक्टर उबैदुर्र रहमान जी ने पी एन सिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पी एन सिंह गाजीपुर की वह हस्ती हैं जिसे आने वाले समय में लोग याद करेंगे नए लोगों के लिए यह प्रेरणा स्रोत हैं। इन्होंने मुझ जैसे न जाने कितने लोगों पर कितने एहसान किए होंगे। मुझ जैसे नये लेखकों तथा चिंतकों को मंच देना तथा उन्हें आगे लाना पी एन सिंह जी का प्राथमिक कार्य रहा है ।वह एक व्यक्ति नहीं अपितु अपने आप में एक संस्था हैं। प्राचार्य डॉ सविता भारद्वाज जी ने डॉ पीएन सिंह को अंग वस्त्र तथा प्रशस्ति पत्र भेंट कर उन्हें सम्मानित किया तथा हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता मौर्य ने उन्हें स्मृति चिन्ह तथा पौधा देकर सम्मानित किया। पौधा प्रतीक है समृद्धि का और यह समृधि पी एन सिंह के जीवन एवं लेखन दोनों में बना रहे इस मंगलकामना के साथ इसे प्रदान किया गया। प्रशस्ति पत्र का वाचन डॉ संतन कुमार राम ने किया। तथा डॉक्टर पी एन सिंह का महाविद्यालय के प्रति आभार पत्र डॉ विकास सिंह ने पढ़ा। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डॉक्टर निरंजन कुमार यादव ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार की गरिमामय उपस्थिति रही तथा छात्राओं में हर्ष उल्लास का माहौल बना रहा।

रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय

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