सहायक अध्यापक भर्ती में काउंसिलिंग के लिए शर्त लगाना मनमानापूर्ण:हाईकोर्ट

प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित पहले से कार्यरत अध्यापकों को काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाणपत्र लाने की शर्त को प्रथम दृष्टया मनमानापूर्ण करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी शर्त थोपने का विधिक आधार नहीं है। टीचर पॉपुलेशन रेशियो का आधार याचियों की राह का रोड़ा नहीं बन सकती। कोर्ट ने सोनभद्र के राघवेंद्र प्रताप सिंह सहित 15 याचियों को सहायक अध्यापक भर्ती की काउंसिलिंग में शामिल करने व परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है।

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने दिया है। याचिका पर अधिवक्ता प्रशांत मिश्र ने बहस की। कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति के योग्य पाये जाने पर बिना कोर्ट की अनुमति के याचियों की नियुक्ति न की जाय।

याचियों का कहना है कि वे विभिन्न स्कूलों में अध्यापक है। साथ ही वे अध्यापक भर्ती में चयनित हुए हैं। लेकिन, उन्हें काउंसिलिंग में शामिल करने से यह कहते हुए मना कर दिया गया है कि पहले वे नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाणपत्र लाएं। ऐसी शर्त याचियों के अनुच्छेद 14 व 16 के अंतर्गत मिले रोजगार के अवसर की समानता के मूल अधिकारों का उल्लंघन करती है। कोर्ट ने शर्त को मनमानापूर्ण मानते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

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