शहर में धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण, अफसर खामोश

बरेली। शहर में होने वाले ताबड़तोड़ अवैध निर्माणों में कोरोना के चलते थोड़ी लगाम लगी है। नए निर्माण कम ही शुरू हो रहे हैं मगर उससे पहले ही बड़े अफसरों की अनदेखी से भारी तादाद में अवैध निर्माण हो रहे हैं। इसी बीच अवैध निर्माणों पर भ्रष्टाचार के चलते खामोशी बढ़ती जा रही है जो शहर वासियों पर भारी पड़ सकती है। इन अवैध निर्माण से शहरी रहन-सहन का ढांचा बिगड़ रहा है। वहीं पर्यावरण पर भी इसका खराब प्रभाव पड़ रहा है। बरेली विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए भवन के आगे पीछे खुला क्षेत्र छोड़ा जाता है। जिसे बीडीए की भाषा में फ्रंट व रियर सेट बैक कहा जाता है। भ्रष्टाचार के चलते कागजों में भवन निर्माताओं से सेट बैक छुड़वा लिए जाते हैं और रिश्वत लेकर उन्हें मनचाहा निर्माण करने की छूट दे दी जाती है। इस छूट के एवज में बीडीए अफसर मोटी कमाई करते है। भवन स्वामी से बैक पर भी निर्माण कर लेते हैं। अफसरों की यह लापरवाही आने वाले समय में शहरी विकास में बाधा बनेगी। दरअसल सेट बैक इसलिए भी छोड़े जाते हैं ताकि आवश्यकता होने पर सड़क की चौड़ाई बढ़ाने में उस जगह का इस्तेमाल बिना किसी तोड़फोड़ की किया जा सके। मगर सेट बैक छोड़े ही नहीं जा रहे तो सड़कों की चौड़ाई के लिए किसी का भवन भी नहीं ढहाया जा सकता। ऐसे में अफसरों की यह छूट शहरी विकास में बाधा डालेगी। इसके अलावा अफसरों की भ्रष्ट नीति के चलते शहर का पर्यावरण भी बिगड़ रहा है। पेड़ों को काटकर शहर को कंक्रीट का जंगल बना दिया गया है। नियमता: किसी भी निर्माण में 15 फीसदी जगह ग्रीनरी यानी हरियाली के लिए छोड़ना आवश्यक है। मगर रिश्वत के चलते भवन स्वामियों को उस जगह को भी कबर्ड करने की छूट दे दी जाती है। साथ ही भवन के आकार के मुताबिक पेड़ लगाने की अनिवार्यता को ही खत्म कर दिया जाता है। जिससे आने वाले समय में पर्यावरण बुरी तरह खराब होगा।।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।