वृक्षमित्र की अनोखी नवरात्रि: पर्यावरण की सेवा

कुशीनगर – नवरात्रि को देखते हुए जहा सभी लोग माता रानी की पूजा अर्चना कर अपने परिवार और समृद्धि के साथ स्वस्थ की कामना करने के लिए मन्दिरो में श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई देने लगी वही कुशीनगर जिले के मठिया धीर  गाव के वृक्षमित्र के नाम से जाने जा रहे जितेंद्र यादव ने इस नवरात्रि के देवी स्थानों पर नौ दिनों तक वृक्षारोपण का कार्यक्रम करने की अलग ही मुहिम जारी की हैं ताकि पर्यावरण से सभी लोगो की सुरक्षा कर शुद्ध वायु द्वारा आम लोगो की सलामती मागि जाए।

आप को बता दे कि जितेंद्र यादव मठिया धीर के बेहद गरीब मजदूर हैं जो मनरेगा में मजदूरी कर अपने परिवार का जीवन चलाते है । जितेंद्र ने पढ़ाई के समय गुरु को दिया वृक्ष लगाने का वचन को निभाते चले आ रहे है..पेड़ो के प्रति जितेंद्र का लगाव देख इलाके के लोगो ने इन्हें वृक्षमित्र की उपाधि दिए है।जितेन्द्र पर्यावरण में इधर उधर उगे पौधों को उखाड़ कर अपने घर ले जाते हैं और अपनी खुद की बनाई नर्सरी में लेकर उसकी देखभाल करते है।जब वे पौधे 6 से 7 फिट के पेड़ का रूप ले लेते है तो उन्हें लेकर किसी सावर्जनिक स्थान पर अपने कुछ साथियो के साथ लगा उसकी देखभाल करते हैं।
हिन्दू रीति रिवाज में नवरात्रि में नाव कन्याओ की पूजन की परम्परा हैं पर इस वृक्षमित्र ने पहले दिन अपनी बेटी से वृक्षारोपण जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखा वृक्षारोपण का कार्यक्रम शुरू किया।

सरकार वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपये खर्च करती हैं पर उनके द्वारा लगाए पौधे अक्सर सुख जाते है या जानवर का भोजन बन जाते है पर जितेंद्र ने नवरात्रि के पहले दिन 25 हजारवाँ पेड़ लगाया ।जिसमे अबतक कोई भी सरकारी या प्राइवेट किसी भी संस्था कोई सहयोग नही मिला।
25 पौधों को पेड़ बनाकर लगाने वाले वृक्षमित्र की लगन और मेहनत के चर्चे पूरे इलाके में हैं ।कई बड़े अधिकारी उनके कार्यक्रमो में आते है और पेड़ लगाकर फोटो खिंचवाने के बाद चले जाते है लेकिन कुछ दिन बाद जितेंद्र को मानो भूल जाते पर इस उपेक्षा और लोगो के ताने सहने के बाद भी वृक्षमित्र जितेन्द्र यादव लगातार वृक्षारोपण का कार्य करते और लोगो को भी प्रेरित करते हैं।
सरकार और एन. जी.ओ. अगर जितेंद्र की कुछ मदद करता तो शायद उसकी जिंदगी बदल जाती और वृक्षमित्र जितेंद्र आने वाले समय मे मिशाल बनता।

– कुशीनगर से वंदना पाण्डेय

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