लोक आस्था का पर्व छठ की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देकर हुआ संपन्न

आज़मगढ़ – लोक आस्था का महापर्व छठ बुधवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। छठ पर्व के चौथे और अंतिम दिन व्रती और श्रद्धालु अपने परिजनों के साथ बुधवार की सुबह घाट पर पहुंचे और उन्होंने पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य देकर व्रत को पूरा किया। शाम को घाटों पर स्थापित देव प्रतिमाओं का गाज़े बाजे संग विसर्जन भी शुरू हो गया। उल्लास और उमंग के साथ नगर व आस- पास से आए श्रद्धालु आजमगढ़ के शहर के दो दर्ज़न घाटों के साथ ही जिले के सैकड़ों जलाशयों के किनारे अलसुबह ही जुट गए। नगर के काली चौरा स्थित पोखरे पर बने छठ घाट पर सुबह चार बजे से ही इकट्ठा होने लगे थे नये परिधानों, पूजन सामाग्री के साथ पहुंचे सैकडो श्रद्धालुओं व घटो पर तेज़ आवाज़ में “उगा हो सूरज देव अरग के भयिल बेर”, “धायिले नरेन्द्र मोदी माथे दउरवाँ”, “जोड़े-जोड़े फलवा सूरूज देव घटवा” गाने की धुन पर माहौल एकदम भक्तिमय हो गया। सूर्यउपासना के महापर्व छठ पूजा का बुधवार को समापन हो गया नगर के कालीचौरा स्थित पोखरे पर बुधवार की सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देकर व्रतियों ने अपना व्रत पूरा किया छठ पूजा का पर्व रविवार को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था खरना करने के बाद छठ व्रतियों ने पूरा दिन अखंड उपवास किया व्रतियों ने मंगलवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य दिया वहीं बुधवार को इस उगते सूर्य के उपासना के साथ पर्व का समापन हो गया वही व्रत पूरा होने के बाद पूरे घाट परिसर में प्रसाद लेने वालों की भीड़ लगी रही।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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