लम्बित जांच प्रकरणों को निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाए निस्तारित- स्वाति सिंह

*योजनाओं हेतु जारी बजट का शत-प्रतिशत उपयोग कर लोगों को योजनाओं से किया लाभान्वित

*आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण कार्याें को तीन महीने में करें पूर्ण

*मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ अधिक से अधिक दिये जाने हेतु जनपदवार लक्ष्य किया जाये निर्धारित

लखनऊ- प्रदेश की महिला कल्याण तथा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि महिलाओं के कल्याण के लिए महिला कल्याण तथा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु जारी किए गये बजट का शत प्रतिशत उपयोग करते हुए योजनाओं से पात्र लोगो को जोड़ा जाए। महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री ने आज योजना भवन में महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग के बजट एवं योजनाओं के क्रियान्वयन के सम्बंध में समीक्षा बैठक कर रही थी।
महिला कल्याण मंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण तेजी से किया जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन कार्यदायी संस्थाओं को आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण का कार्यादेश जारी हो गया, वो प्रत्येक दशा में तीन महीने में निर्माण करना सुनिश्चित करे। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग में चल रहे लम्बित जांच प्रकरणों को एक निर्धारित समय सीमा के भीतर निस्तारित किया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग में लंबित जांच प्रकरणों को उनके समक्ष प्रस्तुत किया जाय और किस कारण से प्रकरण लंबित है उसका विवरण भी दर्ज किया जाय।
महिला कल्याण मंत्री ने कहा कि योजनाओं को समाज के पात्र व्यक्ति तक पहुचाने के कार्य मे महिला कल्याण एवं बाल विकास के अधिकारी आपस मे मिलकर कर कार्य करे। जिससे कि अधिक से अधिक पात्र लोगो को योजनाओं का लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से और अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में पात्र लोगो को जोड़ने के लिए जनपदों में लक्ष्य निर्धारित कर दिया जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास वी0 हेकाली झिमोमी, निदेशक महिला कल्याण मनोज राय, पोषण मिशन निदेशक कपिल सिंह सहित सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।