बरेली। कुपोषण के खिलाफ जंग में जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्र पर किचन गार्डन हथियार बनेगा। छह सितंबर से राष्ट्रीय पोषण माह शुरू हो चुका है। इस साल पोषण माह दो मुख्य उद्देश्यों पर आधारित है। जिसमें अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर तथा उनकी मानिटरिंग और आंगनवाड़ी केंद्र पर किचन गार्डन को बढ़ावा देने के लिए पौधारोपण कराना। जिला कार्यक्रम अधिकारी आरबी सिंह ने बताया कि सभी बच्चों को पोषित बनाना इस पोषण माह का मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए सीडीपीओ, सुपरवाइजरों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होने यह भी बताया कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में रोग एवं मृत्यु दर का प्रमुख कारण ही कुपोषण है। जिले में 0 से 5 साल तक के करीब साढे तीन लाख बच्चों में पोषण माह सितंबर के दौरान कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर मानिटरिंग करना है। जिसे अभियान के रूप में चलाया जाएगा। इसके साथ ही नियम के अनुसार बच्चों को पीएचसी, सीएचसी और एनआरसी में रेफर किया जाएगा। इस अभियान के दौरान शिक्षा विभाग के माध्यम से पोषण विषय पर एक ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। जिसमें डिजिटल पोषण पंचायत आयोजित की जाएंगी। पोषण से संबंधित विभागों के माध्यम से एक वेबीनार का आयोजन किया जाएगा। जिसमें कोविड-19 महामारी में सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग, स्वच्छता, सैनिटाइजेशन आदि नियमों का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फल एवं सब्जियां सूक्ष्य पोषक तत्व के महत्वपूर्ण स्रोत हैं और इन पोषक तत्वों को नियमित आहार में सम्मिलित करना अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। पोषण महा में घर-घर भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकत्री आखिरी तीसरे माह की गर्भवती महिलाएं, 0-6 माह के बच्चे तथा 6 माह -2 वर्ष के बच्चों के घर भ्रमण कर एक घंटे के अंदर शीघ्र स्तनपान, 6 माह तक केवल स्तनपान, 6 माह तक स्तनपान, 6 माह के बाद ऊपरी आहार शुरूआत करने का परामर्श देंगी।।
बरेली से कपिल यादव