रात होते ही अंधेरे में डूब जाता है बस स्टैंड, लुटते है यात्री

बरेली। पुराना रोडवेज बस स्टैंड रात होते ही अंधेरे में डूबा रहता है। रात होते ही पुराने रोडवेज स्टैंड पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा शुरू हो जाता है। जिससे यात्रियों में काफी भय बना रहता है। लाइट व्यवस्था सुचारू बनाने के लिए स्टेशन इंचार्ज ने आला अधिकारियों से अनेक बार लिखित व मौखिक रूप से कहा लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। दरअसल पुराना बस स्टैंड पर दो साल पहले एक लाख पचास हजार खर्च करके दो दर्जन हैलोजन लाइटें लगवाई गई थी। पिछले 6 माह से यह सभी लाइटें शोपीस बनी हुई है। अंधेरा शुरू होते ही रोडवेज परिसर में खड़ा खुराफातीयों का आवागमन शुरू हो जाता है। जिससे यात्रियों का सामान चोरी होने की पूरी संभावना बनी रहती है। रोडवेज को हर रात चकाचौंध रखने के लिए रोडवेज के दोनों गेट पर, दो-दो सुलभ शौचालय की छत पर, रोडवेज के परिसर में, चालक परिचालक ड्यूटी कक्ष सहित विभिन्न विभागों में हैलोजन लाइट लगवाई गई थी जो पिछले 6 माह से खराब पड़ी है। अंधेरा होते ही रोडवेज परिसर में खुराफाती लोग सक्रिय हो जाते हैं और यात्री की नजर इधर उधर होते ही उसका सामान चोरी कर देते हैं। बस स्टैंड के एक अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछले कई महीनों से लाइटे खराब है। इस कारण अनेक यात्रियों के लिए अंधेरे में अपने सामान की रक्षा करना मुश्किल हो जाता है। जरा सी नजर हटते ही उनका सामान चोरी हो जाता है। यात्रियों को नुकसान से बचाने के लिए हर रात बार-बार अलाउंस करके यात्रियों से अपने सामान की सुरक्षा करने की चेतावनी दी जाती है। रोडवेज परिसर में लगी सभी 26 लाइटें कोई न कोई खराबी आने के कारण से शोपीस बनी हुई है। लाइट ठीक कराने के लिए क्षेत्रीय प्रबंधक को लिखित व मौखिक रूप से कई बार कहा जा चुका है इसके बावजूद अभी तक एक भी लाइट ठीक नहीं हुई है। रोडवेज गेट पर बिस्कुट, समोसा बेचने वाले किशन लाल का कहना है कि रोशनी का अभाव होने की वजह से यात्रियों का आदि सामान लगभग हर रोज ही चोरी होता रहता है। शाम होते ही न जाने कहां से खुराफाती आकर इधर उधर घूमने लगते है। मौका पाते ही यात्री का सामान इधर से उधर कर देते हैं। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक एसके बनर्जी ने स्वीकार किया कि रोडवेज परिसर में लगी सभी हैलोजन खराब हो चुकी हैं। जिनके स्थान पर एलईडी लाइटें सितंबर के पहले सप्ताह में लग जाएंगी। जिन्हें लगवाने के लिए तीन लाख पच्चीस हजार का अनुदान मिल चुका है। सितंबर से रोडवेज फिर से चकाचौंध लगने लगेगा।।

बरेली से कपिल यादव

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