बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। दिल्ली-रामपुर हाईवे से लगे रहपुरा जागीर गांव मे ग्राम समाज की 450 बीघा बंजर नवीन परती जमीन को भू-माफिया निगल गए। माफियाओं ने इस जमीन का 18 नामों पर अलग-अलग तरीके से पट्टा कराया। फिर धीरे-धीरे कर वह जमीन प्लाटिंग करके करोड़ों मे बेच दी। गांव मे जमीन खाली कराने के दौरान यह मामला सामने आया तो लेखपाल और कानूनगो से लेकर अफसर भी इस मामले को दबाने मे जुट गए। मीरगंज तहसील के ब्लाक फतेहगंज पश्चिमी स्थित गांव रहपुरा जागीर में सन फसली वर्ष 1388 से 1393 तक लगभग 450 बीघा बंजर नवीन परती ग्राम समाज की जमीन थी। हाईवे पर होने की वजह से इस जमीन की कीमत करोड़ों में है। इस गांव मे 30 साल से चकबंदी भी चल रही है। 1987 में आधार वर्ष खतौनी के आधार पर हुई जांच में भी इस जमीन को ग्राम समाज की होने की पुष्टि हुई थी। मगर, इसी बीच भू-माफियाओं ने तहसील में सक्रिय होकर लेखपाल, कानूनगो समेत अन्य अफसरों से मिलकर पहले इस जमीन के किसानों के नाम पर पट्टे कराए। फिर पट्टाधारकों ने यह जमीन महंगे दामों पर बेच दी। अभियान के पहले दिन मंगलवार को 50 बीघा जमीन पर फसलो पर ट्रैक्टर चलवाकर कबजा मुक्त करवाई। बुधवार को अवकाश होने के कारण गुरुवार को राजस्व के लेखपाल व चकबंदी के कानूनगो, लेखपाल पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे और अभियान को शुरू किया। ग्रामीण तीरथराम, नेत्रपाल, रामवीर, मोरसिंह राजपूत, हरपाल, डालचंद, कृष्णपाल व ग्राम प्रधान गया श्री ने चकबंदी टीम पर आरोप लगाया है कि छोटे-छोटे किसानों व कमजोर वर्ग के लोगो की जमीनों पर ट्रैक्टर चल रहा है लेकिन बड़े किसानों व असरदार लोगो की जमीनों को ग्राम समाज मे नही निकाला जा रहा है। जब ग्रामीणों ने एसीओ डॉ पुनीत शर्मा से फोन पर शिकायत की तो उन्होंने चकबंदी विभाग की टीम को जमीन खाली कराने के निर्देश दिए लेकिन मौके पर नही पहुंचने पर ग्रामीणों मे आक्रोश व्याप्त है। इसके साथ ही ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वहां जमीन कर रहे सरदारो ने प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्यों को धमकी भी दी है। इस मामले को लेकर शुक्रवार को ग्रामीण डीएम से मिलेंगे।।
बरेली से कपिल यादव