बरेली। दरगाह आला हजरत स्थित रजा मस्जिद में कुरान मुकम्मल कारी रिजवान रजा ने कराया। दरगाह प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) की सदारत में चंद उलेमा ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए रस्म अदा करायी। फातिहा के बाद खुसूसी दुआ की गयी। इस मौके पर दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) ने कहा कि माह ए रमजान का आखिरी जुमा, जुमा तुल विदा कहलाता है। ये रमजान के विदा होने का पैगाम है। कुछ अल्लाह के बंदे आखिरी जुमा को रमजान की जुदाई समझकर गमगीन और संजीदा होते है। वह महसूस करते है कि रोजा और तरावीह के बरकतें, सहरी और इफ्तार की फजीलते खत्म हो रही है। उन्होंने कहा कि एतबार खात्मे का है यानि जो आखिरी लम्हे बचे उनको गनीमत जानकर उनकी कद्र की जाये और गफलत हुई हो तो उसकी माफी के लिए इन आखिरी लम्हों से फायदा उठाया जाएं। खुदा की बारगाह में सजदा रेंज होकर अपने, अपने वालिदैन और दोस्त अहवाब की बख्शिश की दुआ करें। कोरोना बीमारी की वजह से जो लोग हलाक हो गए उनके लिए इसाले सवाब करे जो लोग इस बीमारी में अब तक मुब्तिला है उनके लिए खुसूसी दुआ करें। नासिर कुरैशी ने बताया कि दरगाह स्थित रजा मस्जिद में जुमा तुल विदा की नमाज लॉकडाउन शुरू होने के बक्त से जैसे अदा की जा रही है वैसे ही चंद लोग अदा करेंगे। बाकी लोग अपने घरों में तन्हा जोहर की नमाज अदा करें।।
बरेली से कपिल यादव