आजमगढ़- राजकीय मेडिकल कालेज चक्रपानपुर से शासन द्वारा भारी पैमाने पर नर्सो का स्थानांतरण करने के बाद अब केजीएमयू लखनऊ से 1जून 2018 को जारी आदेश के बाद जनपदवासियों में खलबली मच गई है। जिसमें मेडिकल कौंसिल आंफ इण्डिया की रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल कालेज के अगले स़त्र पर अस्थाई रूप से रोक लगा दिये जाने की बात कही गई है। जिलाविरोधी फैसले से जनपदवासियों की इस सरकार से बची खुची आस भी टूट गई है। मेडिकल कालेज के गौरव को बचाने के लिए जनपद की गांधी गिरी टीम ने आंदोलन करने का मन बना लिया है। बुधवार को टीम के संयोजक विवेक कुमार पाण्डेय ने मंडलायुक्त से मिलकर ज्ञापन सौपा और वर्तमान प्राचार्य का स्थानांतरण करने व उनके खिलाफ सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि मेडिकल कालेज की स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ हो रहे खिलवाड़ नही करने दिया जाएगा, उन्होंने कहाकि सरकार सबका साथ सबका विकास की बात करती है लेकिन सीधे इसका उल्टा कर रही हैं। जनपदवासियों के अथक प्रयास से जिले को मेडिकल कालेज मिला था। अभी वह पूर्ण रूप से व्यर्विस्थत भी नही हो पाया था कि शासन ने वहां के उपकरणों और स्वास्थ्य सुविधाओं को लूटने का काम शुरू कर दिया। द्वेष की भावना से पहले तो यहां से भारी पैमाने पर नर्सो का स्थानांतरण कर दिया गया। इसके बाद अब मेडिकल कालेज के अगले सत्र को अस्थायी रूप से रोकने की बात की जा रही है। इस आदेश से मेडिकल कालेज के छात्र काफी स्तब्ध हैं।कहाकि वर्तमान समय में मेडिकल कालेज में 5 सौ छात्र अध्यनरत है बावजूद इसके किन परिस्थितियों में मेडिकल कालेज को अक्षम पाया गया है यह जांच का विषय है। मेडिकल प्रशासन जान बुझकर कालेज को गर्त मे डालने का काम कर रहा है। इनके इस कारनामों से यह साफ हो गया है कि यह जनपदपासियों को मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से दूर रखना चाहते है। वर्तमान प्राचार्य के ओंछी मानसिकता का इसी से लगाया जा सकता है कि इनके कार्यकाल में प्रतिदिन 350 के आसपास ही मरीज देखे जा रहे हैं। जबकि इनके पूर्व केे प्राचार्य के कार्यकाल में प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीज देखे जाते थे। ज्ञापन सौपने वालों में आशीष उपाध्याय, ऋषभ उपाध्याय, अमित सिंह, संजीत सिंह, ज्ञान प्रकाश सिंह, अकरम बेग, सौरभ पाण्डेय, मृम्युंजय तिवारी, संदीप गुप्ता, ज्ञानेन्द्र सिंह, आशीष राय, अभिषेक, राहुल पासवान, दिव्यांशु आदि मौजूद रहे।
रिपोर्टर-:राकेश वर्मा सदर आजमगढ़