चन्दौली-एशिया के सबसे बड़े यार्ड और यू पी के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले मुगलसराय जंक्शन का नाम अब आज से इतिहास के पन्नो तक सिमट कर रह जायेगा क्योकि इसके नाम बदलने की तैयारी अब जमीन पर भी शुरू हो गई है आज सुबह से ही मुगलसराय जंक्शन के रेलवे प्लेटफॉर्म पर इन सीटों पर पुराने नाम को हटाकर नए नाम को लिखने के लिए काम शुरू कर दिया गया है आपको बता दें की केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही मुगलसराय का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय कर दिया गया है इसके लिए पिछले कई दिनों से कार्यवाही चल रही थी बीते 3 जुलाई को इस आशय का आदेश आने के बाद रेलवे ने रेलवे प्लेटफार्म मुगलसराय का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय करना शुरू कर दिया है. यहां यह भी जानना जरूरी है कि आज से लगभग चार दशक पूर्व कानपुर से पटना के सफर पर निकले पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शव इसी मुगलसराय के रेलवे यार्ड में एक पोल के सहारे पाया गया था उस समय उनकी शिनाख्त नही हो पाई पाई थी लेकिन कुछ ही समय उपरांत जब उनकी शिनाख्त एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के रूप में हुई थी केंद्र की सत्ता हासिल करने के बाद केंद्र और राज्य सरकारो ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर वैसे तो कई योजनाएं भी शुरू की है लेकिन उसमें मुगलसराय जंक्शन रेलवे स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर किये जाने को काफी अहम माना जा रहा है !
– सुनील विश्राम