मुसीबत बन रही हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट, ट्रैक्टर ट्राली का विकल्प नही

बरेली। आधी अधूरी तैयारी के साथ शुरू की गई वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) व्यवस्था लोगों के लिए जंजाल बन गई है। प्लेट बुकिंग के लिए बनाई गई साइट पर जहां व्यावसायिक कार्यों के लिए खरीदे जा रहे ट्रैक्टरों और ट्रालियों के पंजीकरण नहीं हो रहे है। आरटीओ को राजस्व का घाटा हो रहा है। बंद हो चुकी कंपनियों के वाहनों को भी एचएसआरपी देने का मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है।सरकार ने एक अप्रैल 2019 से पहले सभी पुराने वाहनों पर भी एचएसआरपी लगाने के आदेश दिए हुए है। जिन वाहनों पर एचएसआरपी नहीं है उनका कोई काम आरटीओ में नहीं हो रहा है। हालांकि फिलहाल के लिए एचएसआरपी बुकिंग की रसीद दिखाकर काम कराने की छूट दी हुई है। यह छूट भी परिवहन विभाग का नया आदेश आते ही कभी भी बंद हो सकती है। एचएसआरपी बुक कराने के लिए दी गई साइट डब्लूडब्लूडब्लू डॉट एसआईएएम डॉम कॉम पर कामर्शियल कार्य के लिए खरीदे जा रहे ट्रैक्टर ट्राली का विकल्प नही होने से इनका पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। इसके चलते हर महीने 10 से 15 ट्रैक्टर-ट्राली बिना पंजीकरण के ही सड़कों पर उतर रही है। बिना पंजीकरण के सड़कों पर चल रही ट्रैक्टर ट्राली से अगर दुर्घटना हो जाए तो बीमा कंपनी इसका क्लेम नहीं देगी। मोटर वाहन अधिनियम के तहत ट्रैक्टर ट्रालियों का पंजीकरण करके ट्रैक्टर से अलग नंबर दिया जाता है। ट्राली के नंबर से ही व्यावसायिक कार्यों के लिए परमिट दिया जाता है। एचएसआरपी नहीं मिलने से ऐसी ट्रालियों का न तो पंजीकरण हो रहा है और न ही परमिट मिल रहा है। बिना नंबर और परमिट के ये खुलेआम व्यावसायिक कार्यो मे लगी है। परमिट फिटनेस नहीं होने से आरटीओ को राजस्व की क्षति हो रही है। व्यावसायिक कार्यों के लिए पंजीकृत ट्राली पर आरटीओ को हर तिमाही 1936 रुपये टैक्स और पांच साल के परमिट के लिए 9000 रुपये फीस मिलती है। ट्रैक्टर पर भी 1575 रुपये तिमाही टैक्स लगता है।।

बरेली से कपिल यादव

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