बरेली। मानसिक चिकित्सालय में भी अवैध वसूली से अछूता नहीं रह गया है आलम यह है कि लाइन में लगे मरीजों को बिना सरदा सर के नंबर नहीं आता है अपने वारी का जल्दी नंबर आने के लिए तीमारदारों को रुपए देने पड़ते हैं। मानसिक चिकित्सालय में जलालाबाद से पहुंची मुन्नी देवी ने बताया कि उनके 12 वर्षीय बेटे का 5 साल से इलाज चल रहा है। वह करीब 3 घंटे से लाइन में लगी है मगर उनका अभी तक नंबर नहीं आया है जबकि उनके बाद आए लोग खुद को दिखाकर लौट भी गए। आरोप है कि लाइन से बाहर स्पेशल तौर से देखने के एवज में रुपए देने पड़ते हैं। कटरा चांद खां के रहने वाले मोहम्मद असगर का 8 वर्ष से मानसिक चिकित्सालय में इलाज चल रहा है। उनका आरोप है कि रुपए न देने पर मरीजों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। फर्रुखाबाद से पहुंचे कृष्ण मोहन ने रुपये दिए और वह लाइन में लगने से बच गए। बिना नंबर के ही डॉक्टर ने उन्हें देख लिया। कृष्ण मोहन ने बताया कि रुपए देना उनकी मजबूरी है वरना शाम तक भी खड़ा रहना पड़ सकता है।।
बरेली से कपिल यादव