मामूली बारिश में शहर हुआ पानी पानी, दूर से नहीं हो पा रही शहरवासियों की परेशानी

बरेली। मामूली बारिश में ही शहर के तमाम इलाके पानी पानी हो गए। यह कोई नई बात नहीं है। हमेशा से ऐसा होता आ रहा है। शहर के लोग जलभराव से निजात की मांग भी करते आए हैं। मगर कभी इससे निपटने के लिए रणनीति तैयार नहीं की जाती है। जिससे लोगों को महसूस होने लगा है कि जलभराव से निजात मिलना मुश्किल है। शुक्रवार की सुबह से ही बारिश होना शुरू हो गई। मौसम विभाग ने पहले ही इसके लिए चेताया था। विभाग का दावा है कि ऐसी बारिश करीब एक हफ्ते तक हल्की या तेज होती रहेगी। मगर बारिश हर बार शहर के लोगों के लिए मुसीबत बनकर ही आती रही है। इस बार मामूली बारिश से ही शहर पानी पानी हो गया। यह हालात शहर के निचले इलाकों में होते रहे हैं। मगर इस बार पॉश इलाके में भी जलभराव से अछूते नहीं रहे। जिसमें रामपुर गार्डन राजेंद्र नगर जैसे इलाके शामिल हैं। वहीं निचले इलाकों का हाल बहुत ही खराब रहा है। इसमें सुभाषनगर, मढ़ीनाथ, बिहारीपुर, हजियापुर आदि शामिल हैं।
लाखों रुपए फूंके जाते हैं नाला सफाई पर
बरसात के जल निकासी की ठीक व्यवस्था न होना भी जलभराव का एक मुख्य कारण बना हुआ है। शहर के तमाम इलाकों के नाले गायब हो चुके हैं जो बचे हैं उनमें भी ज्यादातर चोक हो चुके हैं। वह बारिश से पहले ही भरे चल रहे होते हैं। बारिश के बाद नालों का पानी भी सड़क पर आ जाता है। नालों की कई वर्षों से ठीक ढंग से सफाई नहीं की गई है जबकि नालों की सफाई के नाम पर लाखों रुपए का बजट हर साल खपा दिया जाता है।
कंक्रीट से शहर में और बढ़ेगी परेशानियां
धीरे-धीरे पूरा शहर कंक्रीट में तब्दील होता जा रहा है। जिससे जलभराव के अलावा भी कई परेशानियां बढ़ेंगी। पहले पक्की सड़कों के किनारे रोड पटरी के नाम पर ईंटों का खड़ंजा बिछाया जाता था। जिसमें सीमेंट या कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं होता था। यह खड़ंजा बारिश के पानी को सोखकर भूगर्भ में ले जाने का काम करता था। इसी तरह नालों की सतह को कच्चा रखा जाता था। मगर अब न तो सड़कों के किनारे ईटों का खड़ंजा डाला जाता है और नालों के सतह में भी कंक्रीट से ही तैयार की जाती है। जिससे पानी भूगर्भ में नहीं पहुंच पाता और निकासी की व्यवस्था के अभाव में सड़कों पर उतर आता है। यह भी जलभराव का मुख्य वजह है। साथ ही कंक्रीट के बनने से भूगर्भ का जलस्तर दिन पर दिन गिरता जा रहा है। जिससे आने वाले समय में पीने के पानी की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है।।

बरेली से कपिल यादव

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