मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- दुनिया के राष्ट्राध्यक्ष कहते हैं थैंक्यू इंडिया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के जरिए देश से बात की। कोरोना वायरस के चलते देश भर में लागू लॉकडाउन के बीच यह प्रधानमंत्री का दूसरा मन की बात का संबोधन था। वहीं मन की बात 2.0 का यह 11वां कार्यक्रम रहा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ असली लड़ाई लड़ाई जनता लड़ रही है। आज पूरा देश एक साथ चल रहा है. ताली, थाली, मोमबत्ती ने देश को एकजुट होने का संदेश दिया. ऐसा लग रहा है मानो एक महायज्ञ चल रहा है। हर कोई अपने सामर्थ्य से लड़ रहा है. हमारे किसान भाईयों को ही देख लें, वे पूरी मेहनत कर रहे हैं ताकि कोई भूखा ना सोए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप कहीं भी नजर डालिए, आपको एहसास हो जाएगा कि भारत की लड़ाई पिपुल ड्रिवेन है। जब पूरा विश्वस इस महामारी के संकट से जूढ रहा है, भविष्य में जब इसकी चर्चा होगी, उसके तौर तरीकों की चर्चा होगी, मुझे विश्वास है कि भारत की यह पिपुल ड्रिवेन लड़ाई, इसकी जरूर चर्चा होगी। भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई जनता लड़ रही है, आप लड़ रहे हैं, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है. हम भाग्यशाली हैं कि आज पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन इस लड़ाई का सिपाही है और लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है। पीएम ने कहा कि पूरे देश में, गली मोहल्लों में जगह-जगह पर, आज लोग एक दूसरे की सहायता के लिए आगे आए हैं। गरीबों के लिए खाने से लेकर, राशन की व्यवस्था हो, लॉकडाउन का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, मेडिकल इक्विपमेंट का देश में ही निर्माण हो- आज पूरा देश एक लक्ष्य, एक दिशा, साथ-साथ चल रहा है। पीएम ने कहा कि दूसरों की मदद के लिए, आपके भीतर, हृदय से किसी कोने में, जो ये उमड़ता-घुमड़ता भाव है ना! वही वहीं कोरोना के खिलाफ, भारत की इस लड़ाई को ताकत दे रहा है, वही, इस लड़ाई को सच्चे मायने में पिपुल ड्रिवेन बना रहा है और हमने देखा है कि, पिछले कुछ साल में, हमारे देश में, यह मिजाज बना है, निरंतर मजबूत होता रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे करोड़ों लोगों का गैस सब्सिडी छोड़ना हो, लाखों वरिष्ठ नागरिक का रेलवे सब्सिडी छोड़ना हो, स्वच्छ भारत अभियान का नेतृत्व लेना हो, शौचालय बनाना हो- अनगिनत बातें ऐसी है. इन सारी बातों से पता चलता है कि – हम सबको, – एक मन, एक मजबूत धागे से पिरो दिया है. एक होकर देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा दी है।
दुनिया के राष्ट्राध्यक्ष कहते हैं- थैंक्यू इंडिया
पीएम ने कहा, हर मुश्किल हालात, हर लड़ाई, कुछ-न-कुछ सबक देती है, कुछ-नकुछ सिखा करके जाती है, सीख देती है। सब देशवासियों ने जो संकल्प शक्ति दिखाई है, उससे, भारत में एक नए बदलाव की शुरुआत भी हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने विश्व के हर जरूरतमंद तक दवाइयों को पहुंचाने का बीड़ा उठाया और मानवता के इस काम को करके दिखाया. आज जब अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात होती है तो वो भारत की जनता का आभार जरूर व्यक्त करते हैं। जब वो लोग कहते हैं कि थैंक्य यू इंडिया, थैंक्यू पिपुल ऑफ इंडिया, तो देश के लिए गर्व और बढ़ जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे बिजनेस, हमारे दफ्तर, हमारे शिक्षण संस्थान, हमारे मेडिकल सेक्टर, हर कोई, तेजी से नए तकनीकी बदलावों की तरफ बढ़ रहे हैं। टेक्नोलॉजी के फ्रंट पर तो वाकई ऐसा लग रहा है कि देश का हर इन्नोवेटर नई परिस्थितियों के मुताबिक कुछ-न-कुछ नया निर्माण कर रहा है।
कोरोना वॉरियर्स के साथ हिंसा, उत्पीड़न के खिलाफ बेहद सख्त सजा का प्रावधान
पीएम ने कहा कि जब देश एक टीम बन करके काम करता है, तब क्या कुछ होता है – ये हम अनुभव कर रहे हैं। आज केंद्र सरकार हो, राज्य सरकार हो, इनका हर विभाग और संस्थान राहत के लिए मिल-जुल करके पूरी स्पीड में काम रहे हैं। पीएम ने कहा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत, गरीबों के अकाउंट में पैसे सीधे ट्रान्सफर किए जा रहे हैं. वृद्धावस्था पेंशन जारी की गई है. गरीबों को तीन महीने के मुफ्त गैस सिलेंडर, राशन जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं। कहा कि हमारे देश की राज्य सरकारों की भी इस बात के लिए प्रशंसा करूँगा कि वो इस महामारी से निपटने में बहुत सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकारें जो अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं, उसकी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका है। पीएम ने कहा कि देशभर से स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों ने अभी हाल ही में जो अध्यादेश लाया गया है, उस पर अपना संतोष व्यक्त किया है। इस अध्यादेश में कोरोना वॉरियर्स के साथ हिंसा, उत्पीड़न और उन्हें किसी रूप में चोट पहुंचाने वालों के खिलाफ बेहद सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि, आज कल सोशल मीडिया में हम सब लोग लगातार देख रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान, लोग अपने इन साथियों को न सिर्फ याद कर रहे हैं, उनकी जरूरतों को ध्यान रख रहे हैं, बल्कि इनके बारे में बहुत सम्मान से लिख भी रहे हैं। डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों – इतना ही नहीं, हमारी पुलिस व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफी बदलाव हुआ है।
रमजान पर पीएम ने दिया संदेश
पीएम ने कहा, साथियों, रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो चुका है। अब अवसर है इस रमज़ान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं। इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाये। मुझे विश्वास है कि रमज़ान के इन दिनों में स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के खिलाफ़ चल रही इस लड़ाई को हम और मज़बूत करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले दिनों ही हमारे यहां बिहू, बैसाखी, पुथंडू, विशू, ओड़िया न्यू ईयर ऐसे अनेक त्योहार आये। हमने देखा कि लोगों ने कैसे इन त्योहारों को घर में रहकर, सादगी के साथ मनाया। लॉकडाउन के नियमों का पालन किया. इस बार हमारे ईसाई दोस्तों ने ईस्टर भी घर पर ही मनाया है। इस वैश्विक-महामारी, कोविड-19 पान्डेमिक के संकट के बीच आपके परिवार के एक सदस्य के नाते, और आप सब भी मेरे ही परिवार-जन हैं, तब कुछ संकेत करना,कुछ सुझाव देना, यह मेरा दायित्व भी बनता है।
कहा कि याद रखिये, हमारे पूर्वजों ने कहा है –
‘अग्नि: शेषम् ऋण: शेषम् ,व्याधि: शेषम् तथैवच |पुनः पुनः प्रवर्धेत,तस्मात् शेषम् न कारयेत ।।हल्के में लेकर छोड़ दी गयी आग, कर्ज़ और बीमारी, मौका पाते ही दोबारा बढ़कर ख़तरनाक हो जाती है। पीएम ने मन की बात की 11वीं कड़ी तो विराम देते हुए आसा जाताई कि अगली मन की बात के समय जब मिलें तब, इस वैश्विक-महामारी से कुछ मुक्ति की ख़बरें दुनिया भर से आएं, मानव-जात इन मुसीबतों से बाहर आए – इसी प्रार्थना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

रिपोर्ट- कपिल यादव

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