संम्भल- मदरसा इस्लाहुल कौम सिरसी में एक रोज़ा सालाना तालीम कॉन्फ्रेंस। व दस्तारबंदी का आयोजन किया गया।
जलसे का आगाज कारी इम्तेयाज ने मैं कुरान पाक की तिलावत से किया शान ए आलम व शायेरे इस्लाम साजिद रज़ा ने नाते मुनकबद के नज़राने पेश किये कारी वसी अशरफ ने तकरीर करते हुए कहा सबसे पहले क़ुरआन की आयत इल्म के ताल्लुक से उतारी जाती हे। जिसका तर्जुमा हे। तुम पढ़ो अपने रब के नाम से।
मौलाना मुजाहिदुल इस्लाम साहब ने कहा हमारे नबी ने कुरआन व अहले बेत से मुहब्बत का हुक्म दिया।
फिर फारिग होने वाले 18 हाफिज व कारी की दस्तार बन्दी हुई मुख्य वकता मोलाना सईद अख्तर भोजपुरी ने ख़िताब करते हुए कहा मदरसो से इल्म की रौशनी मिलती हे इल्म जितना हासिल करना मर्दों पर ज़रूरी हे उतना ही ओरतो पर इल्म हासिल करना ज़रूरी हे। इस्लाम ने औरतों के लिए इल्म का दरवाज़ा बहुत पहले खोल दिया हे लोग इस दौर में नारे लगते हे बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं। ये दोनों नारे पैग़म्बरे इस्लाम ने आज से 14 सो साल पहले दुनिया वालो को दिए हे।
और उस पर अमल करके भी बताया हे वो बाप बहुत खुश नसीब होता हे जिनका बेटा हाफिज व कारी बनता हे फिर हज़रत मुफ़्ती अय्यूब खा साहब, मुफ़्ती आज़म मुरादाबाद ने मुल्क व कौम की खुशहाली की दुआ करायी।
संचालन कारी इम्तेयाज ने किया मुफ़्ती आलम रज़ा खाँ नूरी ने जलसे में आने वालो का शुक्रिया अदा किया।
इस अफसर पर मुख्य उपस्थि हाजी अब्दुल सत्तार अन्सारी हनीफ सभासद मेहबूब अन्सारी हाजी मुशाहिद खा मुल्ला जी असगर अली हाजी सादिक ज़ाकिर अन्सारी नज़ाकत सैफी रज्जन शमीम मालिक मास्टर रीयजुद्दीन मुजफ्फर मास्टर ज़फर हुसैन अन्सारी व मदरसे की कमेटी के सदस्य व काफी लोग मौजूद रहे
– अंतिम विकल्प से सैय्यद दानिश की रिपोर्ट