*बेसहारा पशुओं के लिए बनाए जाने वाले आश्रय स्थलों में भ्र्ष्टाचार की शिकायत पर लगाई फटकार
*सीएम के तेवर देखकर चढ़ी अफसरो की कंपकंपी
लखनऊ। सीएम की महत्वाकांक्षी योजनाओं में भ्रष्टाचार का तडक़ा लगाने का क्या नतीजा होता है यह उन अफसरों को समझ आ गया होगा जो सीएम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए थे। बेसहारा पशुओं के लिए बनाए जा रहे आश्रय स्थलों में भ्रष्टाचार की खबरों से तिलमिलाए सीएम योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव सुधीर बोबडे को आड़े हाथों लेते हुए खरी खरी सुना दी। यही नहीं उन्होंने चार जिलों के डीएम से कह दिया कि आप डीएम रहने लायक नहीं हैं।
सीएम योगी का पारा उस समय चढ़ गया जब उन्हें बताया गया की निरीह पशुओं के रहने के लिए जो आश्रय स्थल हर जिले में बनाए जाने है उसमें भी अफसरों ने खेल कर दिया है। इस योजना के तहत हर जिले को 11 करोड़ दिया गया था ताकि हर जिले में पशुओं के रहने के लिए एक आश्रय स्थल का निर्माण हो सके। यह काम पशुपालन विभाग को करना था। विभाग के चर्चित प्रमुख सचिव सुधीर बोबडे ने एक नया तरीका ढूंढ निकाला। उन्होंने पैकफेड जैसी बदनाम संस्था को हर जिले में यह काम करने के आदेश जारी कर दिए। सुधीर पहले भी इस तरह के करोड़ों रुपए के काम इसी अंदाज में कराने के लिए चर्चा में रहे हैं जबकि सीएम कार्यालय की मंशा थी कि जिलाधिकारी अपने स्तर से कार्यदायी संस्थाओं का चयन करें मगर प्रमुख सचिव बोबडे ने सारा काम पैकफेड को दे दिया और उसके बाद डीएम पर दबाव बनाया जाने लगा की तत्काल पैसा पैकफेड को जारी कर दें। जैसे ही सीएम को यह जानकारी मिली वह आगबबूला हो गए। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिसमें दर्जनों डीएम और तमाम बड़े आईएएस अफसरों के अलावा सैकड़ों अन्य अफसर भी मौजूद थे, कहा कि अगर भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई तो गिरफ्तार करके जेल भिजवा दूंगा और सारी संपत्ति जब्त कर जांच करा दूंगा। बोबडे के बाद चार जिलों के डीएम को भी सीएम ने खरी-खरी सुनाई। इसके बाद सीएम कार्यालय में आदेश जारी कर दिया की यह पैसा सीधे जिलों में जाएगा और डीएम तय करेंगे की कार्यदायी संस्था कौन रहेगी मगर नौकरशाहों में यह चर्चा भी आम हो गई कि जब साबित हो गया है कि सीएम की इस महत्वाकांक्षी योजना में प्रमुख सचिव सुधीर बोबडे ने खेल करने की कोशिश की तो उन्हें अभी तक इस विभाग से हटाया क्यों नहीं गया।