भिवानी चिल्ड्रन लिटरेचर फेस्टिवल में बच्चों ने लिया विभिन्न सत्रों का आनंद

हरियाणा/भिवानी – विद्यांतरिक्ष सीनियर सेकेंडरी स्कूल, भिवानी में आज चौथा भिवानी चिल्ड्रेन्स लिटरेचर फेस्टिवल शुरू हुआ। फेस्टिवल का उद्घाटन भूतपूर्व जिला शिक्षा अधिकारी विद्या मालिक, संस्थापक डॉ आरती, वाईस- प्रेजिडेंट देवेंदर दहिया, पदम् श्री सम्मान्नित समाज सेवी डॉ प्रकाश आम्टे, डॉ मन्दाकिनी आम्टे, दुनिया के सबसे तेज पैरा स्केटर चाँदीप सिंह, विश्व सुंदरी (बधिर) 2019 विदिशा बालियान ने किया। इस अवसर पर प्रधान अरुण मेहता, सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल आकाश रहेजा, ओकवुड स्कुल की प्रिंसिपल सुषमा शर्मा, प्राइवेट स्कुल एसोसिएशन के प्रधान राम अवतार शर्मा, हरयाणा कला परिषद से रविंदर श्योराण, रमणीक मोहन, आदि उपस्थित थे। फेस्टिवल के प्रथम सत्र में अभिनय रंग मंच के कलाकारों ने जानी चोर की शिक्षाप्रद कहानी और गुड टच और बैड टच को पपेट के रुचिकर माध्यम से बच्चों को समझाया। दसरे सत्र में मैग्सेसे अवार्डी डॉ प्रकाश आम्टे और डॉ मन्दकिनी आम्टे ने डॉ आरती के साथ सत्र में अपने जीवन के अनुभव साँझा किये। उन्होंने बच्चों को बताया की जीवन में सब कुछ मन माफिक नहीं होता और सफलता हमारे सोचने से नहीं मिलती। डॉ आम्टे ने कहा की अपनी सोच को सच करने और लोगों को उसे समझाने के लिए लगातार मेहनत करनी पड़ती है। और इसकी कोई समय सीमा नहीं। उन्होंने बताया की जब उन्होंने आदिवासी इलाके में अस्पताल शुरू किया था तो आदिवासी उनके पास इलाज के लिए नहीं आते थे लेकिन उन्होंने धीरे धीरे लोगों को इलाज के फायदे समझाए और धीरे धीरे आदिवासी लोग उनके पास इलाज के लिए आने लगे। आज उनके अस्पताल में सालाना करीब चालीस हज़ार लोगों का इलाज होता है। पशु पक्षियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बच्चों से आग्रह किया की वे उन्हें अपने मित्र समझे। उन्होंने बच्चों को बताया की कैसे पशु और पक्षी इंसान के मित्र हैं और वो कैसे हमें फायदा पहुंचाते हैं। इसके बाद के सत्र में कथा मंच दिल्ली के डायरेक्टर विजय कुमार ने तीन महापुरुषों के जीवन पर आधारित कहानियों के माध्यम से बच्चों को मोटीवेट किया और बताया की हर बच्चा अपने आप में सम्पूर्ण है और हर बच्चा लग है और यदि अहम ठान लें तो कुछ भी मुश्किल नहीं। दिन के चौथे सत्र में परवीन कुमार ने विश्व सुंदरी 2019 (बधिर) विदिशा बालियान से बच्चों को रूबरू करवाया। विदिशा बिलकुल सुन नहीं पाती हैं लेकिन फिर भी वो बिना सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल किये आम लोगों से बात करती हैं। विदिशा ने बच्चों के साथ अपने जीवन का संघर्ष साँझा किया और उस संघर्ष पर कैसे उन्होंने जीत पायी इसके बारे में बताया। अपने परिवार, विशेषकर अपनी नाना नानी को अपनी प्रेरणा बताते हुए विदिशा ने बताया की कैसे उन्होंने बहरेपन के दर्द से उबरने में उसकी मदद की। बच्चे विदिशा से मिलकर बहुत खुश हुए। इसके बाद, विद्यांतरिक्ष स्कुल के ऑर्केस्ट्रा ने देश भक्ति गीतों के संगीतमय एक प्रस्तुति दी। रोहतक से आये रमणीक मोहन ने बच्चों को संविधान की प्रस्तावना के बारे में बताया जिसके बाद सभी बच्चों ने मिलकर संविधान गीत भी गाया। बच्चों से मुलाकात करते हुए विश्व के सबसे तेज पैरा स्केटर चाँदीप सिंह ने बताया की उन्हें करंट लगने की वजह से डॉक्टरों को उनके दोनों हाथ काटने पड़े। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने परिवार और दोस्तों की होसलाफज़ाई से उन्होंने जीवन में नए मुकाम पाने की ठानी। जिसका नतीजा ये था की उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और दुनिया के सबसे तेज पैरा स्केटर बन गए। यही नहीं वो अन्य खेलों में भी हिंसा लेते भी जीते हैं। वे बहुत अच्छे डांसर भी और उनका खुद का यूट्यूब चैनल हैं। चाँदीप के माता पिता ने बताया की उनके बेटे ने कैसे तनाव छोड़ कर जिंदगी के सकारात्मक पहलू को देखा और कामयाबी हासिल की। दिन के आखिरी सत्र में, गुरुग्राम से आये रजनीश भनोट और उनकी टीम ने नाटक उजबक राजा और डकैत प्रस्तुत किया जिसका बच्चों ने बहुत आनंद लिया। फेस्टिवल के दुसरे दिन भी सत्र जारी रहेंगे। फेस्टिवल में शिशु भारती हाई स्कूल, सैनिक हाई स्कुल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, ज़ी लिटेरा वैली स्कूल, वैश मॉडल स्कूल, ओकवुड स्कुल, आस्था स्पेशलो स्कूल, बाल सेवा आश्रम आदि के बच्चों ने भाग लिया।

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