बाल दिवस पर विशेष:बच्चों के विकास को ही जीवन का ध्येय बनाया

*अर्पित करते हैं शैक्षणिक व शिक्षणेत्तर क्रियाकलापों में जबरदस्त भागीदारी

वाराणसी- आज बाल दिवस पर हम आपको जनपद वाराणसी के एक ऐसे शिक्षक से मिलवाते हैं जिसने अपने जीवन का ध्येय बच्चों के शैक्षणिक व अन्य सहभागी क्रियाकलापों के विकास के लिए बनाया है। गंगापुर इंटर कॉलेज गंगापुर के शिक्षक प्रणय कुमार सिंह ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के अध्ययन अध्यापन के साथ हर शैक्षणिक गतिविधि के संचालन के लिए हर दिन लगे रहते हैं। विद्यालय में जहां बच्चों के अध्ययन में भरपूर मदद करते हैं वही शैक्षणिक विकास व अन्य सहगामी क्रियाकलापों मैं बच्चों का प्रतिभाग भी कराते हैं।बच्चों को पर्यावरण के प्रति अभिप्रेरित करके तथा उनके सहयोग से विद्यालय में गंगा,जमुना और सरस्वती वाटिका भी विकसित की। इस वाटिका में लगे सैकड़ों छोटे-बड़े व आयुर्वेदिक पौधे वाटिका कि जहां शोभा बढ़ाते हैं वही पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संदेश देते है। अपने प्रयास विद्यालयों के छात्रों को कई बार शैक्षणिक टूर पर भी ले जा चुके हैं। शैक्षणिक टूर पर इन्होंने छात्रों को अर्ध कुंभ में प्रयागराज का भ्रमण कराया तो वही सारनाथ, सीतामढ़ी, प्रथम सांसद आदर्श गांव जयापुर,सब्जी अनुसंधान संस्थान शाहंशाहपुर का भी भ्रमण कराया है। प्रणय सिंह कहते हैं कि सरकारी सहयोग न मिले तब भी शिक्षक छात्रों के विकास के लिए बहुत कुछ कर सकता है। शिक्षक में सिर्फ बच्चों के चौमुखी विकास लिए भाव होना चाहिए।प्रणय सिंह ने अब तक विद्यालय में 100 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन कर बच्चों के लिए प्रेरणा देने का काम किया है।इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को भी विद्यालय में समय-समय पर बुलाते हैं।विद्यालय के छात्रों को क्विज प्रतियोगिता में भाग लेने, वाद-विवाद मैं प्रतिभाग करने ,सामाजिक विषयों पर बोलने के लिए प्रेरित करते हैं।साथ ही छात्रों के साथ साइकिल यात्रा आयोजित कर उन्हें स्थानीय भ्रमण भी कराते हैं। प्रणय सिंह स्वच्छता अभियानना, लोगों को पढ़ने, प्रदूषण दूर करने का अभियान सिर्फ विद्यालय में नही चलाते हैं बल्कि आसपास के गांव में अभियान चलाकर जनसामान्य को भी प्रेरित करते हैं। इस तरह के कार्यों में क्षेत्रीय जनता का इन्हें भरपूर सहयोग मिलता है।इस वर्ष महात्मा गांधी की जयंती पर जिला प्रशासन ने स्वछाग्राही के रूप में इनका चयन करते हुए प्रधानमंत्री के साबरमती गुजरात में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए भेजा था। प्रणय सिंह ने कहा कि वे बच्चों के अध्ययन अध्यापन के साथ उन्हें स्वाध्याय की ओर प्रेरित करते हुए सामाजिक तथा अन्य सहगामी क्रियाओं की ओर भी मोड़ते हैं। इन क्रियाकलापों के साथ ही प्रणय सिंह के पास स्काउट शिक्षक का भी प्रभार है। बच्चों को स्काउट गाइड्स में भी प्रतिभाग कराते हैं और छात्रों को अनुशासित होने के लिए प्रेरित करते हैं।इन क्रियाकलापों के बारे में पूछे जाने पर प्रणय सिंह ने बताया कि तरह तरह के कार्यक्रमों से बच्चों का कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ता है।इससे बच्चे बहिर्मुखी बनते हैं तथा उनका चौमुखी विकास भी होता है।

रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय के साथ (राजकुमार गुप्ता) वाराणसी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।