फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। शहर व कस्बावासी सावधान हो जायें। क्योंकि मौसम का मिजाज बदल रहा है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही उन्हें बीमार कर सकती है। दरअसल, कोरोना काल में हर सर्दी-खांसी, बुखार से पीड़ित मरीज कोरोना संक्रमित नहीं है। हालांकि, डॉक्टर तक पहुंचने वाले सर्दी-खांसी, बुखार के मरीजों से उन्हें ट्रेवल्स एवं कॉन्टेक्ट हिस्ट्री पूछे जा रहे हैं। इस समय अस्पतालो में शामिल सर्दी-खांसी, बुखार, मलेरिया, टायफाइड जैसे मौसमी बीमारी के मरीजों की तादात अधिक मिली। लोग कोरोना को लेकर सहमे हुए थे। डॉक्टर से मिलने के बाद उन्हें थोड़ी बहुत राहत मिल रही है। दरअसल, डॉक्टर तक पहुंचने वाले मरीजों से सबसे पहले उनसे ट्रेवल्स हिस्ट्री की जानकारी ली। वहीं मरीजों को हालात को देखते हुए उन्हें जांच के लिए भेज रहे है। वर्तमान में इस कोरोना काल को देखते हुए डॉक्टर भी खुद को बचाते हुए काम करने को विवश हैं। एक ओर जहां डॉक्टर आला भी नहीं लगा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मरीज अपनी परेशानी बताते ही रह जाते हैं। तब तक डॉक्टर चिट्ठा पर दवा लिखकर तैयार हो जा रहे हैं। कोरोना को लेकर ज्यादातर मरीज प्राइवेट क्लीनिक पहुंच रहे। इन दिनों सरकारी अस्पताल को छोड़ ज्यादातर मरीज प्राइवेट क्लीनिक पहुंच रहे हैं। फतेहगंज पश्चिमी सीएचसी प्रभारी डॉ संचित शर्मा ने बताया कि मरीजों की तादात काफी बढ़ी हैं। रोजाना 50 से 100 मरीज मौसमी बीमारी से पीड़ित पहुंच रहे हैं। कोरोना काल में उनकी मुसीबत बढ़ गई है। कोरोना में मरीजों का इलाज करना परेशानी से कम साबित नहीं हो रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण सामान्य से मिलते जुलते हैं। मगर इस समय मौसम बदल रहा है इसलिए सर्दी खांसी जुकाम से डरे नहीं। हां सतर्क जरूर हो जाएं। गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें आयुर्वेदिक काढ़ा भी पी सकते हैं। अधिक परेशानी हो तो डॉक्टर से संपर्क करे। कोई भी लक्षण मौसमी बीमारी से संबंधित हो सकता है। फिर भी एहतियात के तौर पर मास्क लगाएं छोटे बच्चों और बुजुर्गों से दूरी बना ले। बुखार या गले में खराश, कमजोरी दिखे तो यह वायरल संक्रमण भी हो सकता है। ऐसे मरीज प्रोटीन डाइट लें। फ्रिज का पानी न पिए। गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करें। गर्मी और बारिश के मौसम में सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, उल्टी, दस्त, डायरिया, मलेरिया आदि बीमारियों का प्रकोप शुरू हो जाता है। ऐसे मौसम में ठंडी वस्तुएं और पेय पदार्थों से परहेज करें। फ्रिज का पानी बिल्कुल न पिए। सांस के मरीज एसी व कूलर के सामने न सोए। बारिश में भीगने से बचे। कोरोना वायरस के बचाव के लिए कोई भी मास्क सुरक्षित है। जन सामान्य के लिए कॉटन का मास्क पर्याप्त है। कुछ लोगों को एन 95 मास्क इस्तेमाल करते हुए देखा जा रहा है जो कि गलत है। एन 95 मास्क केवल कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले चिकित्सकों व अन्य लोगों के लिए है। जन सामान्य को इसके लगातार इस्तेमाल से सांस संबंधी परेशानी हो सकती है।।
बरेली से कपिल यादव