उत्तराखंड/पौड़ी गढ़वाल – सवाल इतना सा है जब फर्जी सर्टिफिकेट होने पर आपको नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता है या आवेदन नहीं करने दिया जाता। तो फिर फर्जी सर्टिफिकेटों की सहायता से कैसे कोई करोड़ों के काम पा लेता है?
फर्जी दस्तावेजों के सहारे करोड़ों के काम लेने के आरोपों के सिलसिले में इस बार महेंद्र राणा और उनकी पत्नी जो केबीएम कंस्ट्रक्शन कंपनी की निदेशक भी हैं पर आरोप हैं कि उन्होंने सेंट्रल पीडब्ल्यूडी के फर्जी सर्टिफिकेटों की सहायता से राज्य पीडब्ल्यूडी विभाग में करोड़ों के काम ले लिए हैं।
जिसकी पुष्टि सूचना के अधिकार में सेंट्रल पीडब्ल्यूडी ने की है।
महेंद्र राणा स्वयं कांग्रेस से ब्लाॅक प्रमुख तथा पत्नी को भाजपा से ब्लाॅक प्रमुख बना आश्वस्त हैं कि कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों उनके हाथों की कठपुतली हैं
उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 का उलंघन करती ब्लॉक प्रमुख बीना राणा
उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 69 का उलंघन कर रही है ब्लॉक प्रमुख बीना राणा ऐसा कहना है एडवोकेट महेंद्र सिंह असवाल का इस संबंध एडवोकेट महेन्द्र असवाल ने मुख्यमंत्री तिर्वेंद्र सिंह रावत को कार्यवाही करने के लिए पत्र लिखा है मिली जानकारी के अनुसार कल्जीखाल ब्लाक प्रमुख श्रीमती बीना राणा उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 69 के अनुसार लोक सेवक है व के0वी0एम0 कन्ट्रक्सन कम्पनी की इकलौती मालकिन है लोकसेवक होते हुए विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से व्यापार व ठेकेदारी का कार्य कर रही है श्रीमती बीना राणा पत्नी महेंद्र राणा निवासी 7 प्रियलोक कालोनी फेस1 सेवंला कलां जी0एम0एस0 रोड देहरादून का लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड के अंतर्गत मार्ग कार्यो हेतु ठेकेदारों की सूची श्रेणी A में पंजीकृत किया गया था जिसकी वैधता 30 जून 2020 को समाप्त हो चुकी है।
पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 69 के अनुसार लोक सेवक के पद पर रहते हुये ब्लॉक प्रमुख कल्जीखाल श्रीमती बीना राणा कोई भी व्यापार /ठेकेदारी /निर्माण कार्य अथवा अपनी फर्म के माध्यम से कोई भी टेंडर आदि नही कर सकती जबकि श्रीमती बीना राणा अपने कार्यकाल के दौरान ग्रामीण विकास विभाग की कार्यदायी संस्था उत्तराखंड ग्रामीण सड़क अभिकरण के कार्य (PMGSY)करा रही है।
विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से इनकी फर्म के0वी0एम0 कन्ट्रक्सन कम्पनी को कई कार्य आवंटित किए गए हैं जो कि पंचायती राज अधिनियम2016 की धारा69 के अनुसार कानूनी रूप से वैध नही है ऐसा करके उन्होंने पद का दुरुपयोग किया है।
वर्तमान समय में इनके द्वारा कई कार्य करवाये जा रहे हैं जो अवैध है आपको हम RTI की प्रमाणित कॉपी द्वारा दिखा रहे हैं देखे की किस तरह से राजनीति का लाभ उठाकर ब्लॉक प्रमुख चांदी काट रही है।
– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल