हरियाणा/पंचकुला – प्राइवेट स्कूलों की वर्षों से लंबित मांगों को लेकर आज चंड़ीगढ़ में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप डागर, डायरेक्टर एलिमेंटरी एजुकेशन हरियाणा, रजनीश, डायरेक्टर असअसए, अनिल नागर, जॉइंट डायरेक्टर हायर एजुकेशन, सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी व प्राइवेट स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाली पांच सदस्यीय कमेटी मौजूद थी। मीटिंग के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन भिवानी के प्रधान राम अवतार शर्मा जी ने बताया कि हरियाणा सरकार ने ये दो दिवसीय बैठक प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं के समाधान के लिए बुलाई थी। कल पहले दिन प्रदेशभर से आये प्राइवेट स्कूलों के विभिन्न एसोसिएशन ओर प्रतिनिधियों ने जॉइंट डायरेक्टर अनिल नागर के साथ मीटिंग की थी। इसके बाद सभी की सहमति से प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रदेश स्तर की 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी में भिवानी से राम अवतार शर्मा, अम्बाला से कुलभूषण शर्मा, हिसार से नरेन्द्र सेठी ओर सत्यवान कुंडू ओर यमुनानगर से सीपी बावेजा को मनोनीत किया गया था। यही कमेटी आज शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से मिली।
राम अवतार शर्मा ने आगे बताया कि आज की मीटिंग अधिकारियों के साथ बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई और प्राइवेट स्कूलों को लेकर कमेटी ने अपनी मांगे उच्च अधिकारियों के सामने रखी। मांग पत्र मे सबसे अहम मांगे स्कूलों को स्थायी मान्यता देने और एग्जिस्टिंग स्कूलों को जमीन सम्बन्धी नियमों में ढील देकर मान्यता देने, मान्यता मिलने के बाद बार बार फॉर्म 2 न भरवाने, प्लेज मनी तो तर्क संगत सीमा में निर्धारित करने को लेकर थी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस मीटिंग के माध्यम से अधिक से अधिक प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचे।
राम अवतार शर्मा ने बताया कि कमेटी आगे भी प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं को लेकर सरकार से वार्ता जारी रखेगी ओर प्राइवेट स्कूलों की बेहतरी के लिए सरकार को सुझाव भी देगी।
राम अवतार शर्मा ने प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं के समाधान की दिशा में सरकार की इस पहल का स्वागत किया और सरकार का धन्यवाद किया और कहा कि ऐसा लगता है कि अब सरकार की मंशा ठीक है और प्राइवेट स्कूलों की मांगें पूरी होने में ज्यादा समय नही लगेगा।
इससे पहले कल सुबह प्राइवेट स्कूलों के प्रदेशभर से आये प्रतिनिधियों ओर विभिन्न एसोसिएशन ने आपसी मतभेद भुलाकर प्राइवेट स्कूलों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए एक मंच पर आने का फैसला लिया था ताकि प्राइवेट स्कूलों की एकता बनी रहे और सरकार के समक्ष मजबूती से प्राइवेट स्कूलों का पक्ष रखा जा सके।