प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में भाजपा के राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान का किया आगाज

*पांच वर्ष में पांच ट्रिलियन डॉलर के आर्थिक पड़ाव तक जरूर पहुंचाएंगे- प्रधानमंत्री

*इच्छा शक्ति चाहिए कि जो ठान लिया, वो ठान लिया

*पांच वर्ष में सौ लाख करोड़ रुपए का निवेश का लक्ष्य- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

*घर, किसान व उद्योग सभी को जल का संरक्षण और संचयन आवश्यक है

*हमारा देश तो पहले भी चला और आगे भी बढा, लेकिन अब न्यू इंडिया दौड़ने को हैं बेताब- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

*खाने का तेल बाहर से आयात किए जाने से प्रधानमंत्री दुःखी, कहां इसके लिए भी आत्मनिर्भर होना होगा

वाराणसी- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक दिवसीय दौरे के दौरान श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्म जयंती के अवसर पर बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल सभागार में आयोजित भाजपा के राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान का आगाज किया। उन्होंने टोल फ्री नम्बर से शुरू इस सदस्यता अभियान के दौरान पांच सदस्यों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक घंटे पाँच मिनट अपने संबोधन में अधिक समय तक बजट की खूबियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का कल बजट जारी किया गया। बजट के बाद सभी को हमारी मंशा स्पष्ट हो गई होगी। हमारा देश तो पहले भी चला और आगे भी बढा, लेकिन अब न्यू इंडिया दौड़ने को बेताब है। इसी को लेकर हमारी तैयारी है। पांच ट्रिलियन इकॉनमी को देश कैसे पा सकता है इसकी दिशा हमने दिखाई है। उन्होंने बजट में रखे गए पाँच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर विपक्षी दलों द्वारा संदेह और कटाक्ष किए जाने को टारगेट करते हुए कहा कि आप किसी सामान्य व्यक्ति के पास समस्या लेकर जाएंगे तो वो आपको समाधान देगा, लेकिन पेशेवर निराशावादियों के पास आप समाधान लेकर जाएंगे तो वो उसे समस्या में बदल देंगे। देश को ऐसे नकारात्मक लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश बड़े संकल्पों और बड़े लक्ष्य की प्राप्ति से ही आगे बढ़ता है। इच्छा शक्ति चाहिए कि जो ठान लिया, वो ठान लिया। फिर उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए खुद को समर्पित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाँच ट्रिलियन डॉलर भारतीय अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि आखिर फाइव ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य का मतलब क्या है, एक आम भारतीय की जिंदगी का इससे क्या लेना-देना है। यह आपके लिए, सबके लिए जानना बहुत जरूरी है। अंग्रेजी में एक कहावत होती है कि साइज ऑफ केक मैटर्स यानि जितना बड़ा केक होगा उसका उतना ही बड़ा हिस्सा लोगों को मिलेगा। इसी कारण हमने भारत की अर्थव्यवस्था को फाइव ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर दिया है। इसमें बात होगी हौंसले की, नई संभावनाओं की, विकास के यज्ञ की, मां भारती की सेवा की और न्यू इंडिया के सपने की। उन्होंने कहा कि सपने बहुत हद तक फाइव ट्रिलियन इकॉनमी के लक्ष्य से जुड़े हुए हैं। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि आज जितने भी विकसित देश हैं, उनमें ज्यादातर के इतिहास को देखें, तो एक समय में वहां भी प्रति व्यक्ति आय बहुत ज्यादा नहीं होती थी लेकिन इन देशों के इतिहास में, एक दौर ऐसा आया, जब कुछ ही समय में प्रति व्यक्ति आय ने जबरदस्त छलांग लगाई। यही वो समय था, जब वो देश विकासशील से विकसित यानि डेवेलपिंग की श्रेणी में आ गए। जब किसी भी देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ती है तो वो खरीद की क्षमता बढ़ाती है। खरीद की क्षमता बढ़ती है तो डिमांड बढ़ती है डिमांड बढ़ती है तो सामान का उत्पादन बढ़ता है, सेवा का विस्तार होता है और इसी क्रम में रोजगार के नए अवसर बनते हैं। यही प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, उस परिवार की बचत या सेविंग को भी बढ़ाती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पांच-छह वर्ष पहले जब उत्तराखंड में तबाही आई थी तो क्या स्थिति थी। तब कहा जाता था कि केदारनाथ में अब यात्री नहीं आ पाएंगे, लेकिन अब पहले से ज्यादा यात्री वहां दर्शन के लिए जा रहे हैं। इस देश की ताकत को कम आंकना गलत है। जनता की ताकत असंभव को संभव बना सकती है। एक समय था जब देश अनाज के संकट से जूझ रहा था। हमको विदेशों से अनाज मंगवाना पड़ता था। उसी दौर में शास्त्री जी ने “जय जवान-जय किसान” का आह्वान किया और देश के किसानों ने अनाज के भंडार भर दिए। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि आखिर क्यों हमारा देश बाहर से, खाने वाला तेल मंगवाए। अगर देश का किसान ठान ले, अपनी जमीन के दसवें हिस्से को भी तिलहन के लिए समर्पित कर दें, तो तेल आयात में बहुत बड़ा फर्क आ जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले क्या किसी व्यक्ति ने सोचा था कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में भारत का स्थान 142 से 77 हो जाएगा। प्रत्यक्ष विदेश निवेश को लेकर भी हमने लक्ष्यों को प्राप्त करके दिखाया। पांच वर्ष में हमारी सरकार ने डेढ़ करोड़ से अधिक गरीबों को पक्के घर दिए हैं। अगर पहले की सरकारों के समय वाली रफ्तार रहती, तो एक-दो पीढ़ी और इन घरों को बनाने में निकल जाती, लेकिन हमने दिखाया है कि तेज गति से काम कैसे किया जाता है। उन्होंने कहा कि बिजली से चलने वाली गाड़ियां बनाने, खरीदने और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वालों को टैक्स में छूट दी गई है। सस्ते घरों के लिए मिडिल क्लास जो होम लोन लेता है, उसके ब्याज पर इनकम टैक्स की छूट में डेढ़ लाख रुपए की वृद्धि की गई है। यानी अब होम लोन के ब्याज पर साढ़े तीन लाख रुपए तक की छूट मिल पाएगी। वर्ष 2022 तक हर गरीब बेघर के सिर पर पक्की छत हो इसके लिए सिर्फ गांव में ही लगभग दो करोड़ घरों का निर्माण किया जाएगा। हाईवेज, रेलवेज, एयरवेज, वॉटरवेज, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, गांव में ब्रॉड बैंड की सुविधा इन सभी में आने वाले पांच वर्ष में सौ लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। जल्दी ही आने वाले कुछ वर्षों में गांवों में सवा लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम 21वीं सदी की बड़ी सभी आवश्यकताओं के अनुसार पूरे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं। अब गांव में उपज के भंडारण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, शहरों में आधुनिक सुविधाओं का निर्माण, हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि स्वच्छता का संबंध स्वास्थ्य से तो है ही सुंदरता से भी है। यहां काशी में भी स्वच्छता और सुंदरता का लाभ हम सभी को देखने को मिल रहा है। यहां अब गंगा घाट से लेकर सड़कों और गलियों तक में साफ-सफाई के कारण यहां आने वाले पर्यटक अब बेहतर अनुभव कर रहे हैं। स्वस्थ भारत के लिए आयुष्मान भारत योजना भी बहुत सहायक सिद्ध हो रही है। देश के करीब 50 करोड़ गरीबों के लिए हर वर्ष पांच लाख रुपए तक मुफ्त इलाज सुनिश्चित हो रहा है। अब तक लगभग 32 लाख गरीब मरीजों को इसका लाभ मिल चुका है। पांच ट्रिलियन डॉलर के सफर को आसान बनाने के लिए हम स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, सुंदर भारत बनाने पर भी फोकस कर रहे हैं। बीते वर्षों में स्वच्छता के लिए देश के हर नागरिक ने जो योगदान दिया है, उससे स्वस्थ भारत बनाने की हमारी कोशिश को बल मिला है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश के हर घर को पानी मिल सके इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय तो हम बना ही चुके हैं, साथ ही जल शक्ति अभियान भी शुरू किया गया है। इस अभियान का बहुत बड़ा लाभ हमारी माताओं-बहनों को मिलेगा। जो पानी के लिए अनेक कष्ट उठाती हैं। जल संरक्षण और जल संचयन के लिए पूरे देश को एकजुट होकर खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। हमारे सामने पानी की उपलब्धता से भी अधिक पानी की फिजुलखर्ची और बर्बादी बहुत बड़ी समस्या है। लिहाजा घर के उपयोग में या सिंचाई में पानी की बर्बादी को रोकना आवश्यक है।उन्होंने रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। काशी में किया गया पुण्य कभी ख़त्म नहीं होता।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की 130 करोड़ जनता के सम्मान को आगे बढ़ाया। काशी को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। विशेष रूप से जोर देते मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी सबसे प्राचीन एवं आध्यात्मिक नगरी होने के साथ-साथ प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र भी है। आज काशी में विकास कार्य दिखाई देने लगे हैं।
इससे पहले वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, मंत्री अनिल राजभर, सूचना राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक नीलरतन पटेल, एम0एल0सी0 केदारनाथ सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर, महापौर मृदुला जायसवाल आदि लोगों ने स्वागत किया।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा परिसर लगे माटी के लाल और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के मूर्ति का अनावरण करने के पश्चात उन्हें पुष्पांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री, सुनील शास्त्री आदि लोग मौजूद रहे।

रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय नेशनल हेड(AV News)

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