बरेली। शक्ति की उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस बार का वासंतिक नवरात्र पूरे नौ दिन का होगा और 21 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। इस नवरात्र मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर हो रहा है जबकि प्रस्थान कंधे पर होगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 13 अप्रैल को प्रतिप्रदा तिथि का मान सुबह 8.47 बजे तक है। इसके बाद द्वितीया तिथि लग जाएगी। चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना प्रात: काल 5:28 से लेकर दिन में 8:46 बजे तक है। अभिजीत मुहूर्त का समय 11:36 से 12:24 तक रहेगा। 12 अप्रैल की सुबह 8:01 बजे प्रतिपदा लगेगी जो कि दूसरे दिन 13 अप्रैल को सुबह 10:17 बजे तक रहेगी। उदया तिथि में एकम तिथि होने से नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल को होगी। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अश्विनी नक्षत्र दिन में एक बजकर दो मिनट तक ही है। मंगलवार के दिन अश्विनी नक्षत्र होने से अमृत नामक औदायिक योग निर्मित हो रहा है। इससे यह दिन श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत फलदायी होगा। वासंतिक नवरात्र का समापन 21 अप्रैल को होगा। मान्यता है कि नवरात्रि पर देवी दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं। यहां वे नौ दिनों तक वास करते हुए भक्तों की साधना से प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। नवरात्रि पर देवी दुर्गा की साधना और पूजा-पाठ करने से आम दिनों के मुकाबले पूजा का कई गुना फल की प्राप्ति होती है। भगवान राम ने भी लंका पर चढ़ाई करने से पहले युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए देवी साधना की थी। मां के नौ रूप में प्रतिपदा – मां शैल पुत्री की पूजा और घटस्थापना, द्वितीया – मां ब्रह्मचारिणी पूजा, तृतीया – मां चंद्रघंटा पूजा, चतुर्थी – मां कुष्मांडा पूजा, पंचमी – मां स्कंदमाता पूजा, षष्ठी – मां कात्यायनी पूजा, सप्तमी – मां कालरात्रि पूजा, अष्टमी – मां महागौरी, रामनवमी – मां सिद्धिदात्री है।।
बरेली से कपिल यादव