हरिद्वार सिद्ध पीठ की भूमि कहे जाने वाली धर्मनगरी हरिद्वार में माँ दुर्गा के अनेक मंदिर है इनमे से एक है यंहा का प्रख्यात गंगा के तट पर बना सिद्ध पीठ दक्षिण काली मंदिर है वैसे तो सिद्ध पीठ दक्षिण काली मंदिर में साल भर भक्तो का ताँता लगा रहता है मगर मान्यता है की नवरात्रों के दौरान जो भक्त माई के इस दरबार में सच्चे मन प्राथना करता है माई उसकी हर मन्नत पूरी करती है यही कारण है की चैत्र व् शारदीय नवरात्रों में यंहा पर देश के और विभिन देशो के लोग भी माँ के दरबार में अपनी मन्नतो को लेकर पंहुचते है वही यह भारत का अकेला ऐसा मंदिर है जहां पूरे नवरात्र भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए विश्व की शांति के लिए और माई को प्रसन्न करने के लिए 15 दिन पूरनमासी तक रात बारह बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक माई भगवती काली की पुष्पार्चन पूजा होती है सिद्ध पीठ दक्षिण काली मंदिर के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी का कहना है कि आज नवरात्र का प्रथम दिन है अभी माई भगवती काली का स्नान होने वाला है यहां के परंपरा है कि पीठ के महंत द्वारा गंगाजल लाकर माई को स्नान कराया जाता है माई भगवती को अपनी संस्तुति अत्यंत प्रिय है माई को गुड़हल के पुष्प, सुगंधित माला, रक्त चुनरी रक्त वस्त्र, पान, चंदन, नारियल, चुवारे आदि चीज़े आज के दिन अत्यंत प्रिय है अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए इन सभी सामग्रियों का माई को भोग लगाया जाता है माई भगवती काली यहां पर साक्षात रूप में विराजमान है जब माई का यह सोलह श्रृंगार किया जाता है तो माई का स्वरूप भव्य और सुंदर हो जाता है बाइट–स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी—-पीठाधीश्वर—-सिद्ध पीठ श्री दक्षिण काली मंदिर नवरात्रों के समय मे माई की यहां पर अलग अलग पूजा की जाती है इस स्थान पर रात्रि प्रयन्तः आज से पूरे नवरात्र 15 दिन पूरनमासी तक रात बारह बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक माई की पुष्पार्चन पूजा होती है यह पूरे भारत मे अकेली श्री दक्षिण काली मंदिर सिद्ध पीठ है जहा भक्तों की मनोकामना के लिए विश्व की शांति के लिए और माई की प्रसन्नता के लिए रात्रि प्रयन्तः माई की आराधना पूरे नवरात्रों में की जाती है इन नवरात्रों के पंद्रह दिन माई रात्रि सयन नही करती है बाइट–स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी—-पीठाधीश्वर—-सिद्ध पीठ श्री दक्षिण काली मंदिर वही नवरात्रों में सिद्ध पीठ दक्षिण काली मंदिर में पहुच माई का आशीर्वाद लेने पहुचने वाले श्रद्धालुओं का भी कहना है कि वह यहां पहले नवरात्रे को माई के दर्शन करने पहुचे है यह सिद्ध पीठ है जब भी माई से कुछ भी मांगा है वह माई के चरणों से मिला है हम पिछले काफी समय से यहां माई का आशीर्वाद लेने आते है माई की पूजा करके मानसकि शांति मिलती है और माई के चरणों मे बैठकर सुख की अनुभूति होती है और जो भी सच्चे मन से यहां मनोकामना मांगता है वह माई पूरी करती है नवरात्रों में माई का स्वरूप भव्य सुंदर होता है।
– रूड़की से इरफान अहमद