पशु तस्करी के आरोप में पुलिस ने टेंट हाउस व्यवसायी को भेजा जेल:ग्रामीणों ने जताया विरोध

आजमगढ़- जिले के अहिरौला थाने की पुलिस ने पशु तस्करी के आरोप में एक टेंट हाउस व्यवसायी का चालान कर जेल भेज दिया,पर ग्रामीणों ने इसका विरोध दर्ज कराया और उसे निर्दोष बताया। फिर एसपी ग्रामीण की जांच में आरोपी वास्तव में निर्दोष पाया गया। आरोपी विगत सात दिनों से मामूली लापरवाही व गलतफहमी से जेल में है। जांच रिपोर्ट के आधार उसे रिहा कराने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी। सम्भवतः सोमवार को वह रिहा हो जायेगा। ग्रामीणों से घटना के बाबत मिली जानकारी के अनुसार विगत रविवार को शाहपुर बाजार के पास एक सांड़ घायल हो गया था। ग्रामीणों के कहने पर घायल सांड को थोड़ी दूर स्थित गौशाला पंहुचने के लिए टेंट हाउस कारोबारी मकसूद अपनी मैजिक पर उसे लाद रहा था, इसी दौरान गश्त पर निकले डायल 100 के पुलिस कर्मियों की नजर उसपर पड़ी जिसके बाद उसे थाने ले जाया गया। जहां मक़सूद द्वारा सच बताया गया तो उसकी गाड़ी को खड़ी करवा कर उसे छोड़ दिया गया। मक़सूद के परिजनों ने बताया की सोमवार की सुबह पुलिस ने थाने आ कर अपनी गाड़ी ले जाने के लिए कहा। आरोप है की किसी के दबाव में जब मकसूद थाने पहुंचा तो वहां उसकी मोबाइल छीनकर उसे हवालात में बंद कर दिया गया।
मकसूद के भाई ने बताया कि जब मामले का विरोध शुरू हुआ और स्थानीय पुलिस और डायल 100 कर्मी फंसते नजर आए तो समझौता करने का दबाव बनाने लगे। मंगलवार को शाहपुर से जिला मुख्यालय भारी संख्या में आये ग्रामीणों ने एसपी को ज्ञापन सौंप सब कुछ बताया और साथ ही कहा की वहां पुलिसकर्मी रात में स्थानीय लोगों को परेशान करते रहते हैं। अगर इनके विरुद्ध कोई कठोर कार्यवाही नहीं की गई तो वह प्रदर्शन करेंगे। वहीं इस प्रकरण पर डायल 100 के पुलिस कर्मियों ने ग्रामीणों से कहा कि पीड़ित मकसूद को थाना पुलिस द्वारा किसी दबाव में आ कर फंसाया गया है ।
इधर ग्रामीणों की अपील पर गौर करते हुए एसपी रविशंकर छवि ने इस मामले में एसपी ग्रामीण को स्वयं जांच करने को कहा। एसपी ग्रामीण एनपी सिंह ने सभी पक्षों से वार्ता कर जांच की और पाया की मक़सूद निर्दोष है। सारा मामला भ्रम उत्पन्न होने से हुआ है , उन्होंने बताया की मकसूद के विरुद्ध दर्ज रिपोर्ट को 173 के तहत समाप्त कर उसे रिहा कराने की प्रक्रिया कर दी गयी है। एसपी ग्रामीण ने कहा की जांच में पता चला की मक़सूद को घायल सांड को गोशाला पंहुचाने को डायल 100 पुलिस ने ही उसके बेहतर उपचार की नियत से कहा था। ऐसा करने का निवेदन खुद गौशाला मालिक ने डायल 100 पुलिस से किया था की पशु का उपचार हो सके। हालांकि दोनों लोगों को थाने को इसकी सूचना दे देनी चाहिए थी। आगे यह पता चला की स्थानीय कुछ लोगों ने ही एसओ को फ़ोन कर मक़सूद को पशु तस्कर बताया था। तब मक़सूद को गिरफ्तार किया था। मौके पर मकसूद कोई साक्ष्य भी नहीं दे पाया था। इसमें किसी की कोई गलती नहीं है यह प्रकरण गलतफहमी के चलते उत्पन्न हुआ है।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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