पटना – पिछले 3 वर्षों से एक पत्रकार झूठे मुकदमे में जेल में बन्द है नाम है शिवनारायण यादव।शिवनारायण मनेर दानापुर अनुमंडल में नेशनल और क्षेत्रीय चैनल से जुड़ा हुआ था।
जानकारी के अनुसार अपनी मां की इकलौती संतान है ।उसके चार छोटे-छोटे बच्चे हैं एक बूढ़ी मां (80 वर्ष) उसे जेल से छुड़ाने की जद्दोजहद की लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। आर्थिक परेशानी इतनी की वह मंहगे वकील नहीं कर सकती। हार तक कर उसने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को एक पत्र भेजा और न्याय की गुहार लगाते हुए मुकदमे की सी० आई०डी० और सी०बी०आई० जांच की गुहार लगाई । उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से गत 17 मार्च 2020 को एक पत्र आया जो बिहार के चीफ सेक्रेटरी के नाम । पत्र में लिखा था कि यथोचित करवाई कर उन्हें (प्रधानमंत्री को) और आवेदक को भी सूचित किया जाए।
शिवनारायण की मां चंपा देवी को लगा कि न्याय मिलेगा और अब सी०आई०डी० या सी०बी०आई से जांच करवा कर उनके बेटे को न्याय मिलेगा लेकिन पिछले 2 अगस्त को दानापुर अनुमंडल के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का पत्र प्राप्त हुआ । पत्र में यह स्पष्ट लिखा है कि यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है आवेदक की यानि चंपा देवी सक्षम पदाधिकारी यानि अपर समाहर्ता के समक्ष अपनी याचिका दाखिल करें।
इस पूरे घटनाक्रम पर ध्यान दिया जाए तो स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री जी के आदेश का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया गया है ।मुख्य सचिव बिहार सरकार को जब प्रधानमंत्री द्वारा लिखा गया कि यथोचित करवाई करें और उन्हें भी बताया जाए फिर क्या यह करवाई यथोचित है ।
एक बूढ़ी मां यदि इतना ही कर पाती तो फिर प्रधानमंत्री जी से गुहार का क्या फायदा।
कहा जाता है कि बिहार में कानून का राज है। लेकिन एक पत्रकार और उसकी मां चंपा देवी द्वारा प्रधानमंत्री से cid या cbi जांच मात्र की मांग का चीफ सेक्रेटरी ने लोक शिकायत निवारण विभाग को जो पत्र भेज आदेश निर्गत करवाया है वह कितना हास्यास्पद और दुखद है , जिसे पढ़ कर बिहार सरकार की लापरवाही और लालफीताशाही को दर्शाता है। देखने वाली बात यह है कि एक पत्रकार के मामले में निष्पक्ष जांच के लिए और कितना समय लगती है सरकार ।