पटोरी के आसपास के लोगों की फसलें वर्षा की प्रतीक्षा में सूख रहीं

बिहार/समस्तीपुर- जिले के पटोरी व इसके आसपास में औसतन इस वर्ष काफी कम वर्षा हुई है। मौसम विभाग की सूचनाओं को आधार मानकर किसानों ने अपनी गाढ़ी कमाई से धान की खेती की। उम्मीदें थी कि अच्छी वर्षा होगी और उनकी फसल लहलहाएगी परंतु उनकी किस्मत को मौसम ने दगा दे दिया। अपर्याप्त वर्षा के कारण उनकी नजरों के सामने धान की हरी फसलें पीली पड़ने लगी। किसान परिवार अपने उम्मीदों की फसल को अपनी आंखों के सामने नष्ट होता देख रहे हैं। उनकी नजरों के सामने परिवार के विकास का सपना भी टूटता नजर आ रहा है। कई किसान एवं बटाईदारों ने कर्ज लेकर धान की खेती की थी परन्तु मौसम की दगाबाजी के कारण अब उनकी खड़ी फसल को बचा पाना उनके लिए बड़ी समस्या हो गयी है।
वही संग्रामपुर के मदन गोपाल चौधरी ने बताया कि धान की फसल को बचाने के लिए पटवन आवश्यक है। सरकारी नलकूप बेकार पड़े है। ऐसी स्थिति में 120 रुपये प्रति घंटा की दर से भाड़े पर पटवन कराना उनकी मजबूरी बन गयी है। हरदासपुर के किसान सुजीन्द्र राय का कहना है कि प्रारंभ में वर्षा हुई तो उन्हें लगा कि धान की फसल अच्छी होगी परन्तु जब मौनसून में जमकर बारिश नहीं हुई तो चेहरे की खुशी गायब होने लगी। धरनीपट्टी के किसान मनोज कुमार ने बताया कि धान की बाली सूखने लगी है। इसे बचाने के लिए जितनी राशि खर्च करनी होगी उसके अनुरूप फसल का मूल्य प्राप्त नहीं हो पायेगा। मोहनपुर के सकल राय ने बताया कि यदि वर्षा की ऐसी ही स्थिति रही तो लोग धान की फसल उगाने से लोग प्रेजेंट करने लगेगें।

आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ, समस्तीपुर

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