निजीकरण के विरोध मे एलआईसी कर्मचारियों का प्रदर्शन

बरेली। शहर में बैंक कर्मचारियों के बाद अब भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कर्मचारी भी आईपीओ को वापस लेने, वेतन समझौता लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। इस दौरान जिले की सभी एलआईसी की शाखाओं में कामकाज ठप रहा। हड़ताल में एलआईसी क्लास वन फेडरेशन, विकास अधिकारी संघ और बीमा कर्मी संघ के सदस्य शामिल हुए। शहर के डीडीपुरम स्थित एलआईसी के मंडल कार्यालय पर हड़ताली कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस मौके पर एलआईसी क्लास वन फेडरेशन के अध्यक्ष एमडी सक्सेना ने कहा कि पांच करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी से शुरू करके एलआईसी सरकार को 28 हजार करोड़ रुपये लाभांश दे चुकी है। बावजूद सरकार एलआईसी आइपीओ लाने और बीमा में एफडीआई की सीमा को 74 फीसदी तक बढ़ाने जा रही है जो बीमाधारकों के हितों पर गहरा कुठाराघात साबित होगा। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महामंत्री आरके सिंह ने कहा कि सरकार चंद पूंजीपतियों की कठपुतली बन गई है। इसलिए जनता के हितों से खिलवाड़ किया जा रहा है। बीमा कर्मचारी संघ बरेली डिवीजन की महामंत्री कामरेड गीता शांत ने कहा कि कुछ माह से देशभर में निजीकरण के खिलाफ कार्मिक आंदोलन कर रहे है। प्रदीप जोशी ने कहा कि सबसे विश्वसनीय बीमा कंपनी एलआईसी का निजीकरण होने से आम नागरिकों के अलावा इसका दुष्प्रभाव सभी पर पड़ेगा। बीमा कर्मी संघ के अध्यक्ष अरविंद देव ने कहा कि सरकार के पास नैतिक साहस नहीं है कि वह एलआईसी के खिलाफ संसद में कानून लाए।।

बरेली से कपिल यादव

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