नम आंखों से अंतिम विदाई!जाने चले जाते हैं कहां दुनिया से जाने वाले

सहारनपुर – जहां एक और रंगों की खुमारी रंगों की बौछारें दुनिया को अपने आगोश में ढके हुए थे हर्ष और उल्लास का माहौल हर जगह पसरा हुआ था लेकिन वहीं दूसरी ओर जनपद सहारनपुर के गांव सोना सय्यद माजरा में दुर्घटना में खो चुके अपने लाल कि अंतिम विदाई में जहां परिवार, गांववासी सहित विकास सैनी कि अंतिम यात्रा में पहुँचे हजारों लोगों में होनहार लाल कि अंतिम विदाई को लेकर मायूसी व मातम छाया था अचानक से घटित घटना को लेकर हर कोई हतप्रद सा था लेकिन यह सच ही है कि नियति के आगे किसी का कोई चारा नही चल पाता हर कोई मजबूर नम आंखों से डॉक्टर साहब के युवा बेटे विकास सैनी के अंतिम विदाई में बस यही प्रार्थना ईश्वर से कर रहा था कि ऐसा दुख किसी को ना देना भगवन……
ज्ञात हो कि आयुष मंत्री डॉ धर्मसिंह सैनी एवं समाजसेवी डॉ कर्ण सिंह सैनी के युवा पुत्र विकास सैनी दुर्घटना में निधन के बाद कई हजारों कि संख्या में पहुंचे परिवार के शुभचिंतको, राजनीतिज्ञों, समाजसेवियों के बीच अंतिम संस्कार नम आंखों से पैतृक गांव सोना सैय्यद माजरा में किया गया किसी ने सोचा भी नही था की शादी की तैयारी में जुटे परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ेगा हमेशा मिल जुलकर होली के रंगों में एक दूसरे को रंगने वाले भाईयो को आज अपने लाडले अनुज को कंधा देकर शमशान तक ले जाना पड़ेगा वास्तव में उस समय के मंजर ने सभी की आँखों को नम कर दिया।। विकास की यह अंतिम यात्रा इस बात की भी गवाह बनी की आज दुख की इस घड़ी में जनपद के हर जाति धर्म, हर राजनीतिक पार्टी , के लोग परिवार के साथ खड़े नजर आए।।क्योकि परिवार का इतिहास रहा कि डॉ लाल सिंह सैनी से लेकर डॉ धर्म सिंह सैनी, चरण सिंह सैनी , डॉ कर्ण सिंह सैनी , के अलावा पूरा परिवार समाज सेवा करके इंसानियत का दिल जीतकर इंसानो को जोड़ता आया है।।आज पूरा गांव ही नही आसपास के लोगो के घरों के चूल्हे ठंडे पड़े रहे और लोगो ने होली भी नही मनाई यहां तक कि बच्चो की पिचकारिया भी रंग नही बरसा पायी , ये ही नही लोग परिवार की अच्छाइयों को गिनाते हुए घटना पर दुख व्यक्त कर रहे थे।।पूरे जनपद में शोक छाया रहा हजारों लोगो की उपस्थिति के बावजूद भी हमेशा चहल पहल में रहने वाला गांव सोना सय्यद माजरा पूरी तरह से खामोशी की चादर ओढ़े हुए था बस सिसकियां आ रही थी तो विकास से बिछड़ने के बाद रोने वालो की । हमेशा इंसानियत को जोड़ने वाले एवं खुश मिजाज “” *डॉ साहब* “” का शांत चेहरा ,बेटे विकास को खोने वाली माता व परिवारिक सदस्यों का विलाप , भतीजे को खोने वाले भाइयो की उदासी, को देखकर हर किसी शख्स की आंखे नम हो रही थी , पर हर कोई एक दूसरे को देखकर अपने आंसू छुपा रहा था । परिवार की तरह रहने वाले इस गांव के हर जाति धर्म के लोगो की आंखे भी शून्य में निहारते हुए भी अपने विकास को तलाश रही थी।। ईशवर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति दे और परिवार को दुख के वज्रपात को सहन करने की शक्ति दे।।

*वो जाते जाते एक ही निशानी दे गये*।
*सारी उम्र याद करने को बस एक कहानी दे गये*।।
*अब प्यास ही ना लगेगी पूरी जिंदगी*।
*वो इन आँखों मे इतना पानी दे गए*।।
-फिरोज खान ,अन्तिम विकल्प सहारनपुर

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