मध्यप्रदेश,मंदसौर- प्रदेश ही नहीं वरन देश में केवल मंदसौर ही एक ऐसा जिला है जहां सूर्य, हवा व पानी से बिजली का उत्पादन होने लगा है। जिले के गांधीसागर बांध में जहां पानी से बिजली बनती है, वहीं सुवासरा के रुनिजा क्षेत्र में सूरज से बिजली बन रही है, वहीं जिले में कई स्थानों पर लगी करीब १०० से अधिक पवन चक्कियां भी बिजली उत्पादित कर रही है। यहां की बिजली पूरे प्रदेश को रोशन कर रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सुवासरा के रुनिजा क्षेत्र में स्थित 250 मेगावाट के सोलर प्लांट का लोकार्पण किया। करीब 1500 करोड़ की लागत से यहां देश की चार नामी कंपनियों ने यहां सोलर प्लांट स्थापित किया है। इसमें लैंको पावर को 100 मेगावाट, टाटा पावर को 50 मेगावाट, बीएचईएल (भेल) पावर को 50 मेगावाट एवं विक्रम सोलर पावर को 50 मेगावाट सोलर पावर जनरेशन का काम नेशनल थर्मल पॉवर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) ने दिया था। यह सोलर प्लांट रीवा के बाद मध्यप्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा सोलर प्लांट है।
1800 करोड के प्रोजेक्ट हुए शुरु
ऊर्जा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मंदसौर में स्थापित कई बिजली प्रोजेक्ट को शुरु कर रोशन कर दिया है। यहां सुवासरा में स्थापित 250 मेगावाट सोलर संयत्र, सुवासरा में स्थापित 220 केवी के विद्युत उपकेंद्र का लोकापर्ण एवं सीतामऊ में स्थापित 4०० केवी के विद्युत उपकेंद्र का लोकापर्ण मुख्यमंत्री शिवराजङ्क्षसह चौहान ने किया। मंदसौर में 1500 करोड के सोलर प्लांट सहित करीब १८०० करोड के बिजली प्रोजेक्ट का सीएम शिवराजसिंह चौहान ने जावरा से शुभारंभ किया। उल्लेखनीय है कि एनटीपीसी के सहयोग से मंदसौर जिले में 250 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट सहित मप्र सरकार रीवा जिले के गुढ में 750 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट की स्थापना हो गई है। इसके अलावा नीमच, शाजापुर, आगर मालवा, छतरपुर, मुरैना व अन्य जिलों में भी सोलर पावर प्लांट लगाने की ओर भी मप्र सरकार अग्रसर है। बहुत जल्द प्रदेश ऊर्जा उत्पादन में सरप्लस पोजीशन में होगा।
– राजेश परमार , आगर मालवा
देश के एकमात्र शहर में बनती है सूर्य, हवा व पानी से बिजली
