देखभाल व संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विशेष पॉलिसी बनाएगी सरकार

* रक्षाबंधन पर बच्चों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बांधी राखी, सीएम बोले- इन बच्चों के एडमिशन की व्यवस्था करेगी सरकार

चंडीगढ – मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देखभाव व सरंक्षण की आवश्यकता वाले ऐसे बच्चे जो बाल आश्रम में रह रहें है उनके लिए सरकार विशेष पॉलिसी बनाएगी ताकि उन्हें पढऩे लिखने सहित विभिन्न कार्यों में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। रविवार को सीएम आवास पर बाल आश्रम में रह रहे बच्चों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन दिया। इस दौरान बच्चों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को राखी बांधी। इस दौरान बच्चों के साथ हरियाणा राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बेंदा भी मौजूद थी।
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री ने बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को बधाई भी दी। चेयरपर्सन ज्योति बेंदा द्वारा बच्चों के पढ़ाई, जन्म प्रमाण पत्र व डेमोसेल आदि में आ रही समस्याओं बारे अवगत करवाने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ऐसे बच्चों के लिए जल्द ही विशेष पॉलिसी लेकर आएगी ताकि इन्हें किसी प्रकार की परेशानी ना हो ओर सरकारी सुविधाएं मिले। उन्होंने यह भी कहा कि यह बच्चे जिस भी क्षेत्र में पढ़ाई करना चाहते हैं सरकार इनके एडमिशन की व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बच्चों से संवाद कर उन्हें आ रही परेशानियों के बारे में पूछा तथा यह भी जाना कि वह भविष्य में पढ़ाई के क्षेत्र में क्या करना चाहते हैं। बच्चों की पढ़ाई को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें पूरी तरह आश्वस्त करते हुए कहा कि ऐसे बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार वहन करेगी। तथा जिस भी फील्ड में बच्चे की रुचि होगी उसी में ही बच्चे का एडमिशन करवाया जाएगा।
चेयरपर्सन ज्योति बेंदा ने बताया कि बाल आश्रम में ऐसे बच्चे रह रहे है जो विभिन्न स्थानों पर लावारिस हालत में भी मिले हैं तथा उनके माता-पिता में परिवार का कोई अता पता नहीं लग पाता। मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे बच्चों के लिए विशेष पॉलिसी बनाने की बात का आभार व्यक्त करते हुए श्रीमती बेंदा ने कहा कि ऐसा होने से इन बच्चों को और अधिक अधिकार ओर सरकार की सुविधाएं मिलेंगी तथा ये विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढक़र देश का नाम रोशन करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।