दुश्मनों को मात देने के लिए पचास हजार सैनिक बड़े पैमाने पर कर रहे युद्धाभ्यास

राजस्थान- लगभग पचास हजार सैनिक, वाहनों का जमावड़ा और दक्षिणी कमान के सुदर्शन चक्र कोर के 300 एक्स रेगिस्तानों में बड़े पैमाने पर अभ्यास कर रहे हैं, जो एक एकीकृत वायु भूमि युद्ध के हिस्से के रूप में बड़े पैमाने पर आक्रामक युद्धाभ्यास करने की उनकी क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। हैं।

दक्षिण आर्मी डेमोंस्ट्रेट्स आईईपी डीपी स्ट्राइक दक्षिणी सेना की स्ट्राइक कोर पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले में खुले रेगिस्तानों में सिंधु सुदर्शन की तरह आयोजित कर रही है, जिससे रेगिस्तान और अर्ध विकसित क्षेत्रों में एक तेज, तीव्र और गहरी हड़ताल को अंजाम देने के लिए है। अपने कौशल को ओर बेहतर बनाया जा सकता है।

लगभग पचास हजार सैनिक, वाहन और दक्षिणी कमान के सुदर्शन चक्र कोर के 300 एक्स रेगिस्तानों में बड़े पैमाने पर अभ्यास कर रहे हैं, जो एक एकीकृत वायु भूमि युद्ध के हिस्से के रूप में बड़े पैमाने पर आक्रामक युद्धाभ्यास करने की उनकी क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं। हैं।

थार के इस रेगिस्तान में युद्धाभ्यास के दौरान युद्ध क्षेत्र में विस्तार और स्थितिजन्य जागरूकता प्राप्त करने के लिए सूचना और प्रौद्योगिकी का समन्वय किया जा रहा है। इस एक्सरसाइज में इलेक्ट्रो-अपरेशन पॉड्स, हेल्मेट माउंटेड और नाइट विज़न गॉगल्स से लैस नए शामिल सशस्त्र हेलीकॉप्टर रुद्र को मशीनीकृत संरचनाओं के मैनोव्स के साथ एकीकृत किया जा रहा है। हाल ही में शामिल किए गए 155 मिमी K9 वज्र को तेजी से गतिशीलता, त्वरित तैनाती और सटीक आग की उच्च दरों के साथ संपन्न किया गया है। इसे अन्य मशीनीकृत तत्वों के परिचालन युद्धाभ्यास के साथ एकीकृत द्वारा वैध माना जा रहा है।

अधिकारी अनुपस्थिति में इस युद्धाभ्यास के जरिये भारतीय सेना बदली परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए किसी भी युद्ध के बारे में अपने नए डॉक्ट्रेन को पढ़ रहे हैं। इस दौरान इंटीग्रेटेड फायर पावर की जोरदार नुमाइश की जा रही है। इस युद्धाभ्यास में आसमान से लेकर जमीनी हमले करने में सक्षम विशेष हथियारों के माध्यम से भारतीय सेना अपनी फायर शक्ति प्रदर्शन किया। भारतीय सेना समय-समय पर अपनी युद्ध रणनीति में बदलाव करती रहती है। वर्तमान में तैयार की गई नई रणनीति के तहत महज 48 घंटे में जबरदस्त प्रहार के साथ आगे बढ़ते हुए दुश्मन के बड़े भूभाग पर कब्जा जमाने की नई रणनीति तैयार की गई है। इसे अपलोडने के लिए भारतीय सेना की 21 स्ट्राइक कोर के चालीस पचास हजार से अधिक युवा और अधिकारी थार के रेगिस्तान में कई दिन से पिछड़ रहे हैं।

दिसंबर के अंत तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास की आज की रात सेना ने सरहदी सीमा पर कौशल दिखाया। इसके साथ वायुसेना भी संयुक्त रूप से युद्धाभ्यास में अपनी क्षमताओं का एकीकृत प्रदर्शन कर रही है। इंटीग्रेटेड फायर पावर के तहत आकाश से लेकर जमीनी हमले करने में सक्षम विशेष हथियारों की अपनी ताकत दिखाई जा रही है। इस अभ्यास में ऑर्टिलरी, आर्म्ड और मैकेनाइज्ड फोर्सेज, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी एविएशन के अटैक हेलिकॉटर रूद्र एयरफोर्स संसाधनों के साथ विशेष फोर्सेस के बीच सहज तालमेल का प्रदर्शन किया जा रहा है। युद्याभ्यास में बोफोर्स, टैंक 90, के 9, एम 122 ग्रेड ग्रेड लॉचर ने अपनी ताकत दिखाई। सबसे बड़ी बात यह है कि वे पचास हजार सैनिक दिन-रात 24 घंटे लगातार युद्ध अभ्यास कर रहे हैं रात के अंधेरे में भी सेना के जवान किस तरीके से दुश्मन देश की सीमा पर कब्जा करना है। इसको लेकर काल्पनिक ठिकानों पर टारगेट किया जा रहा है।

भारतीय सेना समय-समय पर इस तरह के युद्धाभ्यास करती रहती है। ये युद्धाभ्यास के माध्यम से सेना अपनी विभिन्न इकाइयों के साथ ही एयर फोर्स के साथ आपसी तालमेल को व्याख्याती है। कानूनी विशेषज्ञ लगातार प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखते हैं और वे अंक प्रदान करते हैं। इसके बाद सभी विशेषज्ञ साथ में बैठ आपस में अपने विचार साझा करते हैं। इसके बाद इन फ्रंट आई कमियों को अगले दिन दूर कर फिर से नए सिरे से युद्धाभ्यास किया जाता है। साथ ही प्रत्येक दिन दुश्मन की लोकेशन के साथ अलग-अलग फोलेशन के साथ हमला करने का अभ्यास किया जाता है। चालीस पचास हज़ार से अधिक जवान और अधिकारी लगभग दो महीने तक अपनी क्षमताओं को आंकने का अभ्यास करने के साथ ही अपना दमखम दिखाएंगे।

– राजू चारण देश की सरहद से स्पेशल स्टोरी

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