जिला प्रशासन द्वारा दरगाह प्रबंधक नियुक्त न होने से चरमराई व्यवस्था

हरिद्वार/रुड़की- दरगाह साबिर पाक कार्यालय में प्रबंधक पद खाली होने से यहां की प्रबंध व्यवस्था चरमरा गई है ।जिसका ताजा उदाहरण यह दिखाई दे रहा है कि दरगाह प्रशासक/ज्वाइंट मजीस्ट्रेट तथा उत्तराखण्ड वक्फ मुख्य कार्यपालक द्वारा बनाये गए नियमो से सम्बंधित बोर्ड लगने के बावजूद खुद कुछ दरगाह कर्मी ही धज्जिया उड़ा रहे है जिनको कोई पूछने वाला दरगाह कार्यालय पर मौजूद नही है।आजकल जिस व्यक्ति पर प्रबंधक का चार्ज है वो भी रुड़की विकास खण्ड का अककॉउंटेंट होने की वजह से पूरा समय कार्यालय व कर्मचारियों पर देने में अपनी असमर्थता अधिकारियों को पहले ही जता चुके ओर हफ्ताह भर में सिर्फ दो या तीन दिन ही कुछ समय के लिये दरगाह कार्यालय में आ पाता है ।हाल यह है कि दरगाह कार्यालय में पूर्व प्रबंधक द्वारा इतना भरस्टाचार को बढ़ावा दिया जा चुका था की उसके कार्यकाल की गहनता से अगर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की जांच कराए तो पता चल जाएगा कि इमाम साहब की प्रशाद की दुकान पर दूत्य लगाने ,दरगाह के अंदर दूत्य लगाने वाले कर्मचारियों ,व दरगाह के चारो तरफ कागजो में दरगाह कहते से दर्शाये गए पानी निकासी के नाले निर्माण में क्या गुल खिलाया गया है यही कारण है कि दरगाह के अंदर हर बरसात में गन्दा पानी घुस रहा है क्योंकि उक्त प्रबंधक /जे ई ने ही दरगाह की आय को बन्दर बांट करने वाली एम बी पर साइन कर दरगाह की आय के लाखों रुपये नगर पंचायत व आर ई एस को ट्रांसफर कर बर्बाद किये थे ।यही कारण है कि दरगाह कार्यालय में तैनात कुछ कर्मचारी उस मोह को अभी तक नही छोड़ पा रहे ।आज भी हर पन्द्रह दिन बाद पैसे के बल पर प्रबंधक से बीस से बाईएश कर्मचारियों की ही ड्यूटी अदला बदली का खेल बदस्तूर जारी किया हुआ है जिसपर कोई अधिकारी गोर नही दे रहा है बाकी साठ कर्मचारियों की सालो साल भी ड्यूटी नही बदली जा रही है इसका मुख्य कारण तो अधिकारी ही जानते हैं लेकिन लोगो मे इस बात की चर्चा पुरजोर सुनाई दे रही है कि जो दक्षणा देता है उसी कर्मचारी की ड्यूटी इमाम साहब प्रशाद की दुकान पर लगती है ओर मजार के अंदर की ड्यूटी का भी यही दस्तूर प्रबंधको ने बनाया हुआ है । ऐसी बिनाह पर अधिकारियों द्वारा बनाये गए नियम कानूनों का कोई पालन नही किया जा रहा है। इसलिये दरगाह कार्यालय में जिला प्रशासन स्टाफ कर्मचारी को फुलफ्लेश ईमानदार दरगाह प्रबंधक की नियुक्ति कर इन सोने का अंडा खाने वाले कुछ कर्मचारियों की कार्यशैली पर नकेल कसी जा सके। जिसकी मांग दरगाह अकीदतमंद लोगो ने जिला अधिकारी हरिद्वार और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड मुख्य कार्यपालक अधिकारी से की है सी ई ओ वक्फ बोर्ड ने इस सम्बंध में बताया कि पूर्व प्रबंधक का विभागीय ट्रांसफर होने से दरगाह प्रबंधक पद खाली चल रहा था जिसका चार्ज भी कार्यवाहक प्रबंधक के रूप में अककॉउंटेंट सफीक को दिया गया है व्यवस्था सुचारू रूप से देखने के लिये जल्द ही जिला अधिकारी महोदय को अवगत कराया जायेगा और प्रबंधक की मांग रखी जायेगी।

– रूडकी से इरफान अहमद

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