जिनके दामन पर है घोटाले के दाग उनकी चुनावी शोर मे दब गयी जांच

बरेली। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच विकास के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग कर खुद का विकास करने वाले पंचायती राज विभाग के घोटालेबाजो पर कार्रवाई टलती नजर आ रही है। चुनाव की तैयारियों में संभावित उम्मीदवार जुट गए हैं। हालांकि ऐसे ग्राम प्रधानो की जांच चुनावी शोर में लटक गई है। ग्रामीणों का कहना है कि आरक्षण पर आई आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके चलते अधिकतर गांवों में इन दिनों चुनावी शोर है। जिले के तमाम अधिकारी भी चुनावी तैयारी में जुटे हैं। मौके का फायदा उठाकर ग्राम पंचायतों में करोड़ों के घपले-घोटाले की फाइलें भी इन्हीं चुनावी तैयारियों में दबा दी गई है। वर्तमान की बात करे तो जिले में नवाबगंज, बिथरीचैनपुर, फतेहगंज पश्चिमी समेत कई ब्लाक के दो दर्जन से अधिक पंचायतों मे शिकायतों में जांच चल रही थी, अब अधिकतर फाइले दबी है। अधिकांश जांच अधिकारी जांच के नाम पर खाना पूर्ति कर रहे हैं। प्रधानी खत्म होने से पहले दिसंबर महीने में खर्च हुई धनराशि का जवाब भी अब तक बीडीओ को नहीं दिए हैं, जबकि सात दिन में जवाब देने थे। जिले मे 1193 ग्राम पंचायत है। 25 दिसंबर को इन पंचायतों के प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो गया, लेकिन इससे छह महीने पहले प्रधानों के खिलाफ शिकायतों की झड़ी लग गई। ज्यादा मामले में ग्राम पंचायत से जुड़े विकास कार्यो के थे। इसके अलावा शौचालय निर्माण में सबसे ज्यादा धांधली के आरोप लगाए गए थे। करीब दो दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों के जांच के आदेश हुए थे। इतना ही नही कई गंभीर मामलों में तो जिलाधिकारी की तरफ से इन शिकायतों पर जांच के लिए कमेटियां बनाई गई थी। लेकिन चुनाव शोर में अब यह घोटाले फाइलों में पूरी तरह दबा दिए गए। इससे घोटाला करने के आरोप में घिरे निवर्तमान प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी समेत सभी राहत महसूस कर रहे है। प्रधानों के कार्यकाल खत्म होने के बाद शासन ने चुनाव की तैयारियों के आदेश कर दिए है। आरक्षण को लेकर प्राप्त आपत्तियों की जांच चल रही है। इसी शोर के बीच अब यह घोटालों की जांच अधर में लटक गई है। कई जांच कमेटियों ने तो फाइलों को ही दबा दिया है। नोटिस के बाद भी यह जांच आंख्या नहीं दे पा रहे हैं। डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया अलग-अलग विभागों के अफसरों के पास जांच हैं। विभाग मे इनका ब्यौरा रहता है। जैसे-जैसे जांच रिपोर्ट आती है, उस पर वैसे ही कार्रवाई होती है।।

बरेली से कपिल यादव

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