जन संवाद यात्रा पहुंची काशी:5 जिलों में लगभग 500 किलोमीटर मार्ग पर किया गया जन सम्पर्क

*सभी को उच्च स्तरीय शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मानजनक रोजगार के अधिकार की गारंटी मिले

*राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंप कर यात्रा का समापन

वाराणसी- जन सम्वाद यात्रा के शास्त्री घाट पहुंचने पर स्थानीय जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने जोरदार स्वागत किया. इस अवसर पर हुयी सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में संविदा नियुक्ति, ठेकेदारी और सेवा प्रदाता कम्पनियों की परम्परा बंद करके सभी कड़ी पर रेगुलर नियुक्ति होनी चाहिए जिससे युवको का शोषण समाप्त हो. इसी प्रकार वृद्ध, दिव्यांग, विधवा जैसी विभिन्न सामाजिक पेंशन योजनाओं में प्रतिमाह 3000 रूपया किया जाय. शिक्षा में बेहतरी के लिए माननीय उच्च न्यायालय के 18 अगस्त के फैसले को तत्काल लागू किये जाने की मांग करते हुए वक्ताओं कहा कि इस फैसले में व्यवस्था दी गयी कि सरकारी कोष से धन प्राप्त करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना होगा, ऐसी ही व्यवस्था स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी होनी चाहिये की जिसे सरकारी कोष से धन मिलता है वह अपना अपने परिवार का इलाज सरकारी अस्पताल में कराएगा . अगर ऐसा हो जाय तो बहुत ही शीघ्र शिक्षा और स्वास्थ्य की दशा बेहतर हो जायेगी. शिक्षा और स्वास्थ्य के बजट को दुगुना किया जाना चाहिए साथ ही सभी कम करने योग्य व्यक्ति को रोजगार की गारंटी के लिए कानून बने.
इस यात्रा का आयोजन एक देश समान शिक्षा अभियान एवं आशा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था.
शास्त्री घाट से कचहरी पहुंच कर यात्रा दल की और से एक ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को सौंपा गया , राष्ट्रपति को संबोधित इस 20 सूत्रीय ज्ञापन में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती- किसानी और रोजगार को केंद्र रखते हुए बिन्दुओं की और ध्यान आकृष्ट कराया गया.

जिसमे प्रमुख रूप से मांग की गयी कि:

1. ग्रामीणों बाजारों के संरक्षण के लिए पथ विक्रेता (जीविका सुरक्षा एवं पथ विक्रय विनियमन) अधिनियम, 2014 की भाँति कानून बने जिसके अंतर्गत ग्रामीण हाट एवं बाजारों को विकसित और संरक्षित किया जाय, इससे कृषि उत्पादों को भी स्थानीय बाजार मिलेगा.
2. फसल बीमा योजना समाप्त कर दी जाय, इसके बजाय प्रत्येक खेत की प्राकृतिक आपदा से हुयी हानि की 100 प्रतिशत भरपाई हो. सूखा, ओला, पाला, कीट, बाढ़ जैसे सभी कारण शामिल किये जांय. किसानो की सम्पूर्ण फसल की शासकीय खरीद हो, भोजन के अधिकार एक्ट में इसे जोड़ कर कानूनी बाध्यता बनाई जाय
3. ग्रामीणों बाजारों के संरक्षण के लिए पथ विक्रेता (जीविका सुरक्षा एवं पथ विक्रय विनियमन) अधिनियम, 2014 की भाँति कानून बने जिसके अंतर्गत ग्रामीण हाट एवं बाजारों को विकसित और संरक्षित किया जाय, इससे कृषि उत्पादों को भी स्थानीय बाजार मिलेगा.
4. देश में शिक्षा का बजट बढाया जाय. इसे जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का कम से कम 10 प्रतिशत होना चाहिए. सभी सरकारी स्कूलों में उच्च स्तर के संसाधन उपलब्ध कराये जांय. विद्यालयों में शिक्षको की कमी दूर की जाय, नियमित शिकशों की नियुक्ति हो. शिक्षकों से किसी भी प्रकार का गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जाय और प्रत्येक सरकारी विद्यालय पर अनिवार्य रूप से लिपिक, परिचारक, चौकीदार की नियुक्ति हो. मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोइयों को नियमित किया जाय
5. देश में स्वास्थ्य का बजट मौजूदा बजट से दूना किया जाय. आयुष्मान योजना में बीमा योजना के अंतर्गत निजी अस्पतालों में चिकित्सा बंद करके सरकारी अस्पतालों में ही इलाज हो तथा उसको और सुविधायुक्त किया जाय। निजी अस्पतालों द्वारा आम जनता की लूट और शोषण के लिए प्रभावी कानून बने, इनके द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं की दर पर नियंत्रण हो.

वही कार्यक्रम में प्रमुख रूप से दीन दयाल सिंह, सुरेश राठोर, महेंद्र, डा आनंद प्रकाश तिवारी, सिद्धार्थ, वल्लभाचार्य पाण्डेय, राम जन्म भाई, धनंजय त्रिपाठी, डा0 अनूप श्रमिक, जागृति राही, प्रदीप सिंह, लव कुश, दीपक, अरविन्द, जगन्नाथ कुशवाहा, दीपक, नीलम, योगिराज पटेल, रेनू, श्रद्धा, प्रभु नारायण, गणेश, शांति, जीरा आदि शामिल रहे।

रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय के साथ (राजकुमार गुप्ता) वाराणसी

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