बरेली। छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति में आवदेन के लिए आधार की अनिवार्यता से जिले के सैकड़ों छात्र मुसीबत में फंस गए हैं। आधार कार्ड पर किसी की जन्मतिथि गलत है तो किसी का मोबाइल नंबर बदल गया। ऐसे में ओटीपी नहीं मिलने से आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा भी कई अन्य तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। असल में सभी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए सरकार ने आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। पूर्व की व्यवस्था में इंटर, डिग्री और आईटीआई आदि कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थी छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं। इस दौरान आधार कार्ड तो लगाया जाता था मगर उसका मिलान विद्यार्थियों के दूसरे डाटा से नहीं किया जाता। अब समाज कल्याण निदेशालय ने आधार कार्ड में लिखे नाम और जन्मतिथि का मिलान हाईस्कूल की अंकतालिका से करने का नियम लागू किया है। अब आवेदन पत्र भरते समय वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) लिखना होता है जो आधार कार्ड में लिखे मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बहुत से विद्यार्थी ऐसे हैं जिनके आधार कार्ड में जन्मतिथि गलत है। वहीं, विवाहित छात्राओं का सरनेम बदलने से भी दिक्कत आ रही है। इसके अलावा तमाम छात्राओं के आधार में उनके पिता का मोबाइल नंबर जुड़ा है। जबकि वे ससुराल में रह रही हैं। ऐसे में उन्हें ओटीपी नहीं मिल पाता। इस कारण आवेदन नहीं हो पा रहा। जिला समाज कल्याण अधिकारी मीनाक्षी वर्मा ने बताया कि आधार संशोधन का कार्य डाकखानों से हो रहा है। छात्र-छात्राएं समय रहते आधार कार्ड में संशोधित करा लें। एक अनुमान के मुताबिक करीब 1300 विद्यार्थी तो सिर्फ ऐसे हैं जिनके मोबाइल नंबर अपेडट नहीं है। सरकार ने वैसे तो पिछले साल ही छात्रवृत्ति में आधार की अनिवार्यता को लागू करने का आदेश जारी किया था, लेकिन कोरोना के चलते समय बढ़ता गया। मार्च तक बड़ी संख्या में लोगों ने आधार अपडेट करा लिए थे। इस बीच कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप दिखना तमाम राज्यों में शुरू हो गया। हालात प्रदेश में बिगड़े तो सरकार ने 30 अप्रैल को पूर्ण लाकडाउन की घोषणा कर दी। इस वजह से आधार अपडेट कराने का कार्य फिर लटक गया। कारण यह था कि आधार अपेडट का कार्य बैंक या फिर डाकखानों के माध्यम से किया जाना था।।
बरेली से कपिल यादव