घरों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हो सकेंगी मजलिसें,रखे जा सकेंगें ताज़िए, सरकार से मिली इजाज़त

लखीमपुर खीरी- आपको बताते चले कि मोहर्रम को लेकर शिया समुदाय के लोग शोक व्यक्त करते है, जिसका साल भर इंतेज़ार होता है, इस बार कोविड 19 को देखते हुए सरकार से इजाज़त न मिल पाने पर शिया, सुन्नी और हिन्दू सभी समुदायों में काफ़ी रोष था, जिसको लेकर शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद नक़वी ने शासन, प्रशासन के तमाम ज़िम्मेदारों से बातचीत की लेकिन जब कोई हल नही निकला तो 22 अगस्त को शिया धर्मगुरु
मौलाना कल्बे जवाद के धरने पर बैठने के बाद योगी सरकार ने अज़ादारी से जुड़ी सभी बातें मान ली है, लेकिन जुलूसों की इजाज़त अभी नही। यूपी के सभी जिलों के लिए जारी हुआ आदेश, होम सिकरेट्री एसके भगत को मुहर्रम की समस्याओं को निस्तारित करने की ज़िम्मेदारी दी गई, जुलूस नही निकाल सकेंगे ,घरों में ताज़िये रखने और अज़ादारी पर नही रहेगी कोई पाबंदी, सभी जिलों के उलमा की लिस्ट फोन नंबर के साथ सरकार ने मांगी , 24 घंटो में कभी भी किसी समस्या के लिए की जा सकती है कॉल , सवा 2 महीने तक मोहर्रम की व्यस्था पर ग्रह सचिव 24 घंटे नज़र रखेंगे, सभी ज़िम्मेदार अपने ज़िलों के एसपी और एसएसपी से करेंगे मुलाकात । इसी क्रम में इंडियन शिया यूथ वेलफ़ेयर सोसाइटी रजि० के ज़िलाध्यक्ष एस. हसन जाज़िब आब्दी ने भी मोहर्रम में मजलिसों को ले कर सादगी और सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के साथ इस ग़म की याद को ताज़ा रखने की क्षेत्रवासियों से अपील की, आब्दी ने कहा कि अपने घरों में ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने प्रोग्राम्स करे और कोविड-19 के इस दौर में सरकार का सहयोग करे, साथ ही आब्दी ने बताया कि घरों में ताज़िये रखने पर कोई रोक नही होगी और न ही घरों में किसी प्रोग्राम को किये जाने पर कोई पाबंदी लगेगी लेकिन इस दौरान सरकार द्वारा जारी कोविड 19 की गाइडलाइंस का भी खास ख़याल रखे, जिससे कोई भी ख़तरा न हो सके मजलिसों में सेनेटाइजर और मास्क का इस्तेमाल ज़रूरी होना चाहिए और कम से कम लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्रोग्राम करें। हमारा मक़सद किसी को तक़लीफ़ देना नही बल्कि अपने ग़म को ज़ाहिर करना है।

– एस हसन जाज़िब आब्दी

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