गैरसैंण के मुद्दे पर प्रदेश की जनता को धोखा दे रही है त्रिवेंद्र सरकार : नवीन पिरशाली

देहरादून/उत्तराखंड-गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी के एक साल होने पर सरकार द्वारा गैरसैंण को कमिश्नरी घोषित करने को लेकर सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की जा रही है। इसी मुद्दे पर आज आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने मसूरी में प्रेस वार्ता कर सरकार के इस फैसले पर कड़ा एतराज जताया। आप प्रवक्त नवीन पिरशाली ने कहा सरकार गैरसैंण स्थाई राजधानी के मुद्दे को भटका कर कमिश्नरी घोषित कर जनता के साथ छलावा कर रही है। अगर सरकार वाकई में गैरसैंण और वहां की जनता का भला चाहती है तो सबसे पहले इसको जिला घोषित करना चाहिए था जिसकी मांग आम आदमी पार्टी भी करती है।

आप प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने कहा कि सरकार ने जनता की मांग के विपरीत गैरसैण के वास्तविक मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए गैरसैंण को मंडल बनाने की घोषणा कर उत्तराखण्ड की जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, जबकि गैरसैंण राजधानी उत्तराखण्ड के निर्माण में ही निहित थी और कौशिक समिति की रिपोर्ट में भी गैरसैंण को उत्तराखण्ड की स्थायी राजधानी के लिए उपयुक्त बताते हुए कहा गया था कि उत्तराखण्ड की 60 प्रतिशत जनता चाहती है कि राजधानी गैरसैण ही होनी चाहिए। हम सरकार से पूछना चाहते है कि क्या सरकार के पास कौशिक समिति की रिपोर्ट का खंडन करने के लिए कोई अन्य दस्तावेज है।

आप प्रवक्ता ने कहा कि सरकार का गैरसैंण को कमिशनरी घोषित करने के फैसला समझ से परे है। आज तक सरकार पौड़ी में स्थाई कमिश्नर नही बैठा पाई तो गैरसैंण कमिश्नरी का फैसला महज छलावे से ज्यादा कुछ साबित नहीं होने वाला है।

इस के अलावा आप प्रवक्ता ने सरकार के इस फैसले से बढ़ते जनआक्रोश पर कहा, गैरसैंण मंडल बनाने और उस मे अल्मोड़ा बागेश्वर को जोड़ने पर सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया। उन्होंने कहा अल्मोड़ा कुमाऊँ का अभिन्न अंग है इस को कुमाऊँ से अलग कर के भी सरकार ने वहां के लोगों के साथ विश्वास घात किया है। अल्मोड़ा के बगैर कुमाऊँ मंडल की परिकल्पना भी नही की जा सकती। यह हमेशा से कुमाऊँ की संस्कृति का गढ़ रहा है ओर सरकार ने कुमाऊँ के लोगों के साथ साथ यहां की संस्कृति पर भी कुठाराघात किया है।

अगर सरकार गैरसैंण को लेकर इतनी गंभीर थी तो सरकार को पहले गैरसैंण को जिला घोषित करना चाहिए था लेकिन इसे कमिश्नरी घोषित कर सरकार ने यहां की जनता के साथ भी विश्वासघात भी किया है । सरकार को एक साल से ज्यादा का समय गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए हो गया लेकिन यहां सरकार अभी तक प्रशासनिक अमले को नहीं बैठा पाई जबकि सरकार को पहले यहां के इलाकों में प्रशासनिक अधिकारियों को बैठाकर इसे जिले बनाकर इसकी शुरुवात करनी चाहिए थी लेकिन सरकार के इस फैसले से पूरा प्रदेश हैरान है और इस फैसले की कड़ी आलोचना कर रही है ।

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