गहलोत पर मोदी लहर भारी,कांटे की टक्कर में क्या शेखावत विजयी रथ पर सवार होंगे?

*जोधपुर संसदीय क्षेत्र। सटीक विश्लेषण और
निष्पक्ष रिपोर्ट

जयपुर /राजस्थान- जोधपुर संसदीय सीट राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में सबसे ज्यादा चर्चित एवं हाॅट सीट बन चुकी है इसके पीछे प्रमुख कारण है कि यहां राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत ओर भाजपा नेता केंद्रीय कृषि राज्य मन्त्री गजेद्रं सिंह शेखावत के बीच सीधा मुकाबला है यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी एवं मुख्यमंत्री गहलोत की प्रतिष्ठा बनी इस सीट पर सरकार ने सभी संसाधन झोंक दिए हैं। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नजदीकी संबध रखने वाले केंद्रीय कृषि राज्य मन्त्री गजेद्रं सिंह शेखावत को जिताने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपना एड़ी से चोटी का जोर लगा दिया है। जोधपुर संसदीय क्षेत्र की इस प्रतिष्ठित सीट की 8 विधान सभा क्षेत्रों के मतदाताओं की नब्ज टटोलने के बाद जो परिणाम कांग्रेस पार्टी के लिए बेहद चिंताजनक हैं। सबसे बड़ी चिंता का विषय तो लोहावट विधानसभा क्षेत्र के है जहाँ कांग्रेस पार्टी चालीस हजार मतों से अधिक मतों से जीतकर आई थी अब मोदी लहर ओर हनुमान बेनीवाल फैक्टर के चलते पिछडती नजर आ रही है। वहीं पोखरण, फलोदी, लूणी विधान सभा क्षेत्र में कांग्रेस एवं भाजपा में कड़ा संघर्ष है लेकिन संघर्ष का फायदा भाजपा को ही मिलता नजर आ रहा है। शेरगढ विधान सभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार शेखावत को भारी बढ़त मिलने की की संभावना है। यहां गौरतलब है कि शेरगढ ओर पोखरण राजपूत बाहुल्य क्षेत्र हैं। जोधपुर संसदीय क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण सीट सरदार पुरा है जहाँ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार चुनाव जीत कर आते हैं यह क्षेत्र माली समाज बाहुल्य है इस क्षेत्र में मंडोर महामंदिर, मंगला पूजंला सूरपुरा, पावटा, के साथ साथ बी जे एस कालोनी जैसे बड़े मोहल्ले आते हैं यहां कांग्रेस पार्टी को भारी बढ़त मिलने की उम्मीद है लेकिन भाजपा उम्मीदवार गजेद्रं सिंह शेखावत को राजपूत जाति का होने का भरपूर लाभ बी जे एस कालोनी से मिलने की पूरी तरह से संभावना है। लेकिन सरदार पुरा सीट से कांग्रेस पार्टी को ही बढ़त हांसिल होगी। जोधपुर शहर की सूरसागर विधान सभा क्षेत्र जिसके प्रमुख मोहल्ले फतेहपुर पोल,सिंह पोल,फूले राव की घाटी, चाँद पोल,घंटाघर हैं यहां के मतदाता भी मोदी लहर पर सवारी करते नज़र आ रहे हैं। ‘ जोधपुर शहर ‘विधान सभा क्षेत्र के मतदाताओं ने खबर लिखे जाने तक अपना ” मौनव्रत ” नहीं तोड़ा है यहाँ कांग्रेस पार्टी की रावणा राजपूत समाज की महिला विधायक मनीषा पंवार के सामने रावणा राजपूतों का मोदी प्रेम भी भाजपा के साथ नजर आ रहा है लेकिन ओसवाल जैनियों एवं कायस्थ समाज की खामोशी भाजपा के लिए चिंता का विषय बनीं हुई है तो एक तरफ रावणा राजपूत समाज महासभा के निर्वाचित जिलाध्यक्ष जय सिंह चौहान का दावा है कि कुछ छुट पुट लोगों को छोड़ कर संपूर्ण रावणा राजपूत समाज भाजपा उम्मीदवार गजेद्रं सिंह शेखावत के साथ खड़ा है। कांग्रेस को सबसे बड़ा खतरा विश्नोई ओर जाट मतदाताओं से बना हुआ है इन्हे संतुष्ट करने के लिए कांग्रेस पार्टी के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा,सुखराम विश्नोई सहित जाट,विश्नोई समाज के विधायक एवं समाज के प्रतिष्ठित पंच सरपंचो को लगाया है लेकिन समाज के युवा वर्ग पर तो मोदी का भूत सा सवार वो मोदी के अलावा किसी और की सुनने को राजी ही नहीं है ।वहीं दूसरी ओर भाजपा उम्मीदवार गजेद्रं सिंह शेखावत के लिए उन्ही की पार्टी की वरिष्ठ नेता बाकी समाजों में तो “कारसेवा” में तो सफल नहीं हो पाईं लेकिन अपने विश्वस्त भक्त के माध्यम से चारण समाज में सफल नज़र आ रहीं हैं। जोधपुर संसदीय क्षेत्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के सभी संसाधन झोंक दिए जाने के बावजूद भाजपा उम्मीदवार गजेद्रं सिंह शेखावत के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके सामने थोक के भाव पड़े मतों को मतपेटियों में डलवाने कीें है कुल मिलाकर सार यह है कि राजपूत,राष्ट्रवादी रावणा राजपूत,जाट,विश्नोई, भाजपा के परंपरागत बाहमण वैश्य मूल ओबीसी भाजपा के पक्ष में खड़े नज़र आ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मोदी के घोर विरोधी समझें जाने वाले मुस्लिम समुदाय के मतदाता एवं अनुसूचित जाति तथा माली समाज एक तरफा कांग्रेस पार्टी के पक्ष में खड़ा दिखाई देता पड़ रहा है इससे साफ जाहिर होता है कि जोधपुर संसदीय सीट पर हार जीत का फैसला एक लाख वोटों के अंतर से कम ही होने की संभावना है लेकिन विश्व विख्यात फलोदी के सट्टा बाज़ार में आज भी भाजपा उम्मीदवार गजेद्रं सिंह शेखावत की जीत पक्की मानी जा रही है।

– आनंद पाल सिंह तोमर
वरिष्ठ पत्रकार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।