खुलासा:फर्जी प्रमाण पत्रों पर देवरिया में भी नौकरी कर रहे 11 शिक्षक

देवरिया- मथुरा की तर्ज पर जिले में भी तमाम शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर वर्षों से नौकरी कर रहे हैं। 11 शिक्षकों के खिलाफ शासन के निर्देश पर जांच भी चल रही है, मगर चार वर्षों से मामला जांच में ही अटका हुआ है। जांच अधिकारी बार-बार शैक्षणिक दस्तावेजों के सत्यापन के लिए इन शिक्षकों को नोटिस जारी करते हैं, बावजूद किसी शिक्षक ने अब तक अपने प्रमाण पत्रों की मूल प्रति उपलब्ध नहीं कराई है। विभाग भी इनकी नौकरी में फर्जीवाड़े की आशंका से इन्कार नहीं कर रहा, फिर भी ऊंची राजनीतिक पहुंच के चलते इन पर कार्रवाई से हिचक रहा है।

वर्ष 2010 की शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। दूसरों के प्रमाण पत्र या जाली दस्तावेज तैयार कर कई अभ्यर्थियों ने मेरिट सूची में जगह बनाते हुए शिक्षक की नौकरी पा ली। वर्ष 2014 में ऐसे 11 शिक्षकों की शिकायत राज्यपाल से की गई थी। शासन ने मामले में एडी बेसिक को जांच अधिकारी नामित करते हुए सभी शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन के निर्देश दिए थे। एडी बेसिक ने कई बार इन शिक्षकों को प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए नोटिस जारी किया, मगर बार-बार निर्देशों के बाद भी यह शिक्षक उपस्थित ही नहीं हुए। अपनी योग्यता साबित करने की बजाए वह जांच अधिकारी पर ही दबाव बनवाने लगे। आजिज होकर जांच अधिकारी तत्कालीन एडी बेसिक डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने बेसिक शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए शासन स्तर से पैनल गठित कर जांच कराने की सिफारिश की थी। उन्होंने पत्र में स्पष्ट कहा था कि बार-बार सत्यापन से कतराना शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के संदिग्ध होने की पुष्टि करता है। वर्ष 2016 में तत्कालीन बीएसए मनोज कुमार मिश्र ने जांच में असहयोग के चलते इन शिक्षकों को सेवा समाप्ति से पूर्व अंतिम सुनवाई का नोटिस भी जारी किया था मगर इसके बाद से ही मामला ठंडे बस्ते में जा चुका है।
एक ही जाति के हैं सभी संदिग्ध शिक्षक
पूरे प्रकरण में सबसे अहम बात यह है कि जिन 11 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों पर संदेह जाहिर किया गया है, वह सभी एक जाति के हैं। उनकी राजनीतिक पकड़ भी ऊंची है। तत्कालीन एडी बेसिक ने भी अपने पत्र में इसे स्पष्ट किया था। बसपा सरकार में नियुक्त शिक्षकों की सपा सरकार में पौ बारह रही और फिर सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार में अपनी जाति से जुड़े नेताओं के बीच पैठ बनाकर जांच को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
कोट
11 शिक्षकों की जांच अभी लंबित है। एडी बेसिक के स्तर पर यह जांच की जा रही है। इनके प्रमाण पत्रों के पुन:सत्यापन के लिए पत्र लिखा गया है। जल्द ही सत्यापन पूरा कराकर कार्रवाई की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।