बरेली। शहर के कोविड अस्पताल से 40 लोगों का स्टाफ हटने से अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। बिल्डिंग की देखभाल करने वाला भी कोई भी स्टाफ न होने की वजह से उसका रखरखाव नहीं हो पा रहा है। अचानक भारी संख्या में स्टाफ की कमी होने की वजह से मौजूदा स्टाफ को भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। कोविड अस्पताल से कुछ दिन पहले ही 40 स्टाफ को हटा दिया गया था राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से रखे गए स्टाफ के हटने से अस्पताल में काफी दिक्कत होने लगी है। हटने वाले स्टाफ में इलेक्ट्रिकल, प्लंबर, पंप ऑपरेटर, जनरेटर ऑपरेटर और फायर सिस्टम, सेफ्टी के लिए लगाया गया स्टाफ पूरी तरह से हटा दिया गया है। अचानक भारी संख्या में स्टाफ हटने से अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। वहां मौजूद स्टाफ की भी परेशानी बढ़ गई है कोविड अस्पताल के सीएमएस डॉ वागीश वैश्य ने बताया कि स्टाफ हटने के बाद से कई बार सीएमओ को इसकी डिमांड भेजी गई है लेकिन अब तक स्टाफ की कमी पूरी नहीं हुई। विभिन्न कार्यों में लगा स्टाफ हटने से थोड़ी दिक्कत आना शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि अस्पताल के आईसीयू में 23 कोरोना संक्रमित भर्ती है। अस्पताल में लोगों का सैंपल भी लिया जाता है लेकिन न तो यहां से सैंपल लेने वाले के लिए किसी की तैनाती की गई है और न ही सैंपल ले जाने के लिए कोई गाड़ी मिली हुई है। इस वजह से भी अस्पताल कर्मचारियों को काफी दिक्कत हो रही है। रोजाना अस्पताल से जिला अस्पताल सैंपल ले जाने के लिए कर्मचारियों को अपनी निजी वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ता है। कई करोड़ रुपए की लागत से बने इस अस्पताल में लगभग सारी सुविधाएं मौजूद है लेकिन अस्पताल में मशीन चलाने वाले स्टाफ और रीजेंट न होने की वजह से अस्पताल में कोई भी जांच नहीं हो पा रही है। इस संबंध में सीएमओ विनीत कुमार शुक्ल ने बताया कि कोविड अस्पताल से हटाया जाने वाला स्टाफ एनएचएम के तहत मिला था। जिस का बजट खत्म होने पर स्टाफ को हटा दिया गया है। उक्त स्टाफ की वापसी तैनाती के लिए राष्ट्रीय वित्त आयोग को लिखा गया है। जिसका बजट मिलने पर स्टाफ को वापस बुला लिया जाएगा। इसके साथ ही आयोग को रीजेंट की भी डिमांड भेजी गई है।।
बरेली से कपिल यादव