बरेली। कोरोना काल मे जीवन की तमाम परिभाषाएं बदल गई है। मगर, दुखदायी है कि परंपराओं की डोर भी कमजोर होती जा रही है। परिवार में किसी की मौत हो जाने पर अपने ही लोग आगे नही आ रहे हैं। यहां तक बेटा स्वयं अपने पिता के शव को कंधा नहीं देना चाहता है। वह अंतिम संस्कार तक को राजी नही होता। शहर के ही कई मुहल्लों मे ऐसा हुआ कि लोग शव को हाथ लगाने को तैयार नहीं हुए। विगत दिनों में ऐसे तमाम मामले आए हैं, जहां समाजसेवियों व पुलिस ने आगे आकर शवों का अंतिम संस्कार कराया। परिवार के सदस्य तो तेरहवी संस्कार तक को राजी नहीं हो रहे है। आपको बता दें कि मढ़ीनाथ क्षेत्र मे करीब 15 दिन पहले एक महिला की मौत हो गई। उनके दो बेटे थे। दोनों अच्छी नौकरी पेशा वाले थे। मां की मौत की सूचना पर बेटे पहुंच गए। मगर वो सभी शव से दूरी पर ही खड़े रहे। तमाम लोगों ने उनसे कहा, मगर वो अंतिम दर्शन को भी नहीं आए। अंत में एम्बुलेंस से शव को ले जाकर अंतिम संस्कार कराया गया। जिसमें मृतका का एक ही बेटा श्मसान तक गया। मृतका की अंतिम यात्रा नही निकाली गई। रिश्तेदार, पड़ोसियों में से भी कोई श्मसान नही पहुंचा। अभी एक हफ्ते पहले एक बुजुर्ग की मौत हो गई। उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव थी। मगर, बेटे ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। वो घर से बाहर ही नही निकल रहा था। पड़ोसियों ने उसे समझा-बुझाकर किसी तरह से राजी किया। आपको बता दें कि लोग परंपराओं का निर्वहन तक नहीं कर रहे हैं। त्रयोदशी संस्कार भी नही करना चाह रहे हैं। सिर्फ दो दिन में ही हवन-पूजन कराकर कार्य संपन्न कर रहे हैं। यह गलत परंपरा है। जबकि हमारे समाज मे हर एक चीज का विधान है। संकट के समय मे भी परंपराओं का निर्वहन लोगों ने किया है। बीती सात मई को प्रेमनगर थानान्तर्गत बीडीए कॉलोनी के रहने वाले 65 वर्षीय विजय कुमार मेहंदी रत्ता का निधन हो गया। उनके निधन की सूचना पर कोई भी रिश्तेदार नहीं पहुंचा तो पड़ोसियों ने भी मुंह मोड़ लिया। काफी परेशान होने के बाद विजय कुमार मेहंदी रत्ता की पत्नी यूपी-112 पर अपनी परेशानी बताई। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके पति विजय कुमार मेहंदी रत्त्ता काफी समय से बीमार थे, जिनकी मृत्यु हो गयी है। घर पर उनके अलावा कोई नहीं है एवं कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है। सूचना पर पहुंचे प्रेमनगर इंस्पेक्टर अवनीश यादव, कोहाड़ापीर चौकी इंचार्ज विजयपाल सिंह, हेड कांस्टेबल सतपाल सिंह व कांस्टेबल सर्वेश अत्री ने मृतक के शव को अन्तिम संस्कार के लिए कंधा देते हुए श्मशान पहुंचवाया था। जहां विधि विधान से मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।।
बरेली से कपिल यादव