कुतुबखाना ओवरब्रिज का बजट मंजूर-डिजाइन तैयार, व्यापारियों की सहमति का इंतजार

बरेली। स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत कुतुबखाना ओवरब्रिज के निर्माण के लिए नगर निगम से तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। ओवरब्रिज निर्माण के लिए 136 करोड़ की धनराशि मंजूर भी की जा चुकी है। सेतु निगम द्वारा फ्लाईओवर की डिजाइन भी तैयार कर ली गई है। फ्लाईओवर निर्माण मे व्यापारियों की बाधाएं दूर होती नजर नहीं आ रही हैं। जिसके चलते फ्लाईओवर निर्माण से पहले प्रशासन व नगर निगम अफसरों को व्यापारियों की सहमति का बेसब्री से इंतजार है। माना जा रहा है आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए व्यापारियों को भी नाखुश नहीं किया जाएगा। इसके लिए शासन को भेजी गई विस्तार रिपोर्ट में शासन से पुर्नविचार करने के लिए कहा गया था। जिसको लेकर अफसर अपने ऊपर कोई बात लेना नही चाह रहे हैं। व्यापारियों की हामी के बाद ही फ्लाईओवर निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया को बल मिल सकेगा। माना जा रहा है आगामी विधानसभा चुनाव तक फ्लाईओवर का निर्माण लटकाए जाने की तैयारी की जा रही है। जाम के झाम से जनता को राहत देने के लिए मेयर डा. उमेश गौतम ने कुतुबखाना ओवरब्रिज के निर्माण की रूपरेखा तैयार की थी। ओवरब्रिज निर्माण की तैयारियां ही शुरू नही हो पायी थी कि व्यापारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। विरोध प्रदर्शन के साथ ही मार्केट को भी बन्द रखा गया था। इसके साथ ही सर्वे करने गई टीम को व्यापारियों के विरोध का सामना भी करना पड़ा था। पिछले दिनो कमिश्नरी सभागार में स्मार्ट सिटी की बैठक मे सुभाषनगर ओवरब्रिज के निर्माण का हल तो निकल आया लेकिन कुतुबखाना ओवरब्रिज निर्माण को लेकर चर्चा करना भी मुनासिब नहीं समझा गया था। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता बीके सिंह व अपर नगर आयुक्त अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि व्यापारियों की सहमति के बाद ही कुतुबखाना ओवरब्रिज के निर्माण पर कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल तैयारियां पूर्ण है। सेतु निगम द्वारा डिजाइन भी फाइनल करवा ली गई है। कुतुबखाना ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर सबसे पहले महापौर डा. उमेश गौतम ने खाका तैयार किया था। व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन के बाद महापौर ने स्वयं भी व्यापारियों का साथ देते हुए ओवरब्रिज निर्माण न होने की बात को लेकर उनके धरने में भी पहुंचे थे। व्यापारियों का मानना है कि निर्माण होने पर वे लोग बेरोजगार हो जाएंगे। आधे से ज्यादा दुकानों को तोड़ा जाएगा। जिसके बाद से उमेश गौतम के बैकफुट पर आने के बाद शासन को स्थिति से अवगत कराया गया था। कुतुबखाना ओवरब्रिज प्रकरण जब सुर्खियों में आया तो व्यापारियों ने केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार के पास जाकर अपनी दिक्कत बताई तो केन्द्रीय मंत्री और शहर विधायक डा. अरुन कुमार ने भी व्यापारियों के साथ खड़े होकर अंडरपास के लिए सहमति जताई थी। इंजीनियरों के सर्वे के बाद अंडरपास मुनासिब नहीं होने की बात से नगर निगम अफसरों और प्रशासन के माध्यम से शासन को रिपोर्ट भेजी गई थी। शासन ने पुर्नविचार की बात कहते हुए आपसी तालमेल का इशारा किया है। आगमी वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव है। जिसको लेकर भाजपा व्यापारियों को नाराज करने के मूड मे नही है। जिस कारण व्यापारियों की सहमति के बाद ही अफसर ओवरब्रिज निर्माण में कोई एक्शन लेने के मूड में है। वहीं जनप्रतिनिधि भी व्यापारियों को नाराज करने के मूड मे नही हैं। माना जा रहा है कि सारी तैयारी के बाद भी विधानसभा चुनाव तक कुतुबखाना ओवरब्रिज के निर्माण को भुला देना चाहते है। नगर निगम अफसर कुतुबखाना ओवरब्रिज निर्माण को लेकर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। महापौर व जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद अफसर चुप्पी साधे हुए है क्योंकि शासन को भेजी गई रिपोर्ट के बाद शासनस्तर से भी ओवरब्रिज निर्माण के लिए फिर से विचार करने केलिए अफसरों को राय दी गई है।।

बरेली से कपिल यादव

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