सीतापुर : ग्रामीणों को गांव में ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराए जाने को लेकर ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत ग्वाडीह में लाखों रुपये खर्च कर उप स्वास्थ्य केंद्र बनवाया गया था। जिम्मेदारों की अनदेखी व देखरेख के अभाव के चलते उप स्वास्थ्य केंद्र बदहाल पड़ा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि पीएचसी का भवन बने दशक गुजर गए हैं, लेकिन इलाज के लिए आज भी रामपुर मथुरा या जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। अगर यह पीएचसी चालू करवा दी जाए तो ग्वाडीह, चिमलाई, बोधेपुरवा, बरुईबरुवा आदि गांवों की लगभग तीन हजार आबादी को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा। जिससे ग्रामीणों को समय व रुपयों की बचत होंगी। ग्रामीण प्यारेलाल का कहना है कि चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते उप स्वास्थ्य केंद्र बंदहाल हो गया है। मरीजों को दवा लेने के लिए 12 किमी दूर रामपुर मथुरा जाना पड़ता है। रमई का कहना है कि अगर उच्चाधिकारी इस ओर ध्यान दे तो लोगों को झोलाछाप का सहारा न लेना पड़े और रुपये के साथ ही समय की बचत होंगी। छैल बिहारी का कहना है कि गांव में अस्पताल बने होने के बाद भी सुविधाएं नहीं मिल रही है। मरीजों को दवा लेने दूरदराज जाना पड़ता है। इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक सुशील वर्मा ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है। साफ-सफाई करा कर पीएचसी खुलवाई जाएगी और स्टॉफ तैनात कर ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
– रामकिशोर अवस्थी, सीतापुर